अभियान दो--- ब्रिटिश काल का स्वास्थ्य केंद्र बीमार, सेवाएं बदहाल
मनोजतिवारी,बकेवरब्रिटिशशासनकालमेंस्थापितलखनाकस्बेकाप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रआजादभारतमेंअपनीबदहालीपरआंसूबहानेकोमजबूरहै।यहांअव्यवस्थाओंकाअंबारहै।जिसवजहसेलोगोंकोपरेशानियोंकासामनाकरनापड़रहाहै।सचतोयेहैकिस्वास्थ्यकेंद्रबीमारहैऔरसेवाएंबदहालहैं।
सरकारबेहतरस्वास्थ्यसेवादिलानेकेलिएहरसंभवप्रयासकररहीहै।कईयोजनाएंग्रामीणअंचलमेंचलाईजारहीहैं।ब्रिटिशशासनमेंप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रकीस्थापनाइसमकसदसेकराईगईथीकिलोगोंकोप्राथमिकउपचारवहांमिलसके,लेकिनसरकारीसिस्टमकीलापरवाहीकीवजहसेअपनीबदहालीपरयहप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रआंसूबहारहाहै।कस्बेकेलोगबतातेहैंकिब्रिटिशशासनकालवर्ष1935मेंजबइसअस्पतालकीस्थापनाकीगयीथीतबइसअस्पतालमेंमहिलावपुरुषचिकित्सकोंकीतैनातीहुआकरतीथीऔरसुदूरक्षेत्रकेलोगयहांअपनाउपचारकरानेआतेथे,कितुवर्तमानसमयमेंयहांपरमहजएकचिकित्सकहैऔरसालोंसेबदहालीकाशिकारहै।सुविधाओंकेनामपरयहांकुछभीनहींहै।ग्रामीणोंकाआरोपहैकियहांसाधारणउपचारकेअलावाअन्यचिकित्सासुविधालोगोंकोउपलब्धनहींहै।नपानीकीसमुचितव्यवस्थाहैनकोईचिकित्सासुविधा।महेवासीएचसीअधीक्षकगौरवत्रिपाठीनेबतायाकिप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रलखनापरसरकारकीमंशाकेअनुसारचिकित्सासुविधाउपलब्धहैऔरयदिपीएचसीपरकोईसमस्याहैऔरउसकीशिकायतआतीहैतोउसकानिराकरणकरायाजाएगा।क्याकहतेहैंलोगप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रलखनामेंकामचलाऊदवाएंहीमिलतीहैं।रोगकीगंभीरतादिखाईपड़तेहीचिकित्सकमरीजकोजिलाअस्पतालरेफरकरदेतेहैं।
शिवरामसिंह,लखनाछोटेबच्चोंकोबीमारहोनेपरजिलामुख्यालयलेजानेकेअलावाकोईदूसराविकल्पनहींबचताहै,कईबारशिशुरोगविशेषज्ञकीतैनातीकीमांगरखीगयीलेकिनकोईसुनवाईनहींहोती।
सुशीलत्रिपाठी,टकरूपुरलखनाप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रपरमहिलाचिकित्सककीतैनातीनहोनेसेआधीआबादीकोचिकित्सालाभनहींमिलपाताहैजबकिढाईदशकपूर्वतकयहांमहिलाचिकित्सककीतैनातीहुआकरतीथी।गर्भवतीमहिलाओंकाप्रसवकरानेकाभीजिम्माएकएएनएमऔरआशाबहूपरहीनिर्भरहै।इसलिएमहिलाचिकित्सककीतैनातीआवश्यकहै।महावीरसिंहराजावतइसप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रपरसिर्फबलगमजांचकेअलावाअन्यमर्जोंकीजांचकीकोईभीसुविधामयस्सरनहींहै।जिसकेचलतेयहअस्पतालआमआदमीकेलिएसफेदहाथीहै।रामऔतारझा,लखना