अहंकार भगवान का सबसे बड़ा शत्रु: शास्त्री

बस्ती:सरैयामेंचलरहेश्रीराममहायज्ञमेंमंगलवारकोकथाव्यासपं.महेन्द्रशास्त्रीनेकहाकिअहंकारभगवानकाशत्रुहोताहै।

कहाकिमहर्षिनारदनेघोरतपस्याकरकामदेवपरविजयप्राप्तकरलियाथा।उन्हेंअहंकारहोगयाकिइसधरापरमुझसेबढ़करकोईभगवानविष्णुकाभक्तनहींहै।नारदकेइसदुष्प्रवृत्तितथाउनकेमनमेंउपजेअनुचितभावनापरभगवानविष्णुकोअपारपीड़ाहुई।उन्होंनेउनकेघमंडकोतोड़नेकेलिएएकसुंदरमायारूपीनगरकानिर्माणकरस्वयंवरकाआयोजनकिया।शर्तथीकिसुंदरीजिसकेगलेमेंवरमालाडालेगी,उसकेसाथउसकाविवाहहोगा।नारदनेइसविवाहमहोत्सवमेंशामिलहोनेकीइच्छाजतातेहुएभगवानविष्णुसेअपनारूपदेनेकानिवेदनकिया।भगवाननेउन्हेंबंदरकास्वरूपदेदिया।इसरूपमेंवेस्वयंवरमेंहंसीकेपात्रबनगए।सुंदरीद्वाराउनकावरणनकरनेपरउनकाअभिमाननष्टहोगया।

अवसरपरसुबाषयादव,प्रकाशचौधरी,रविन्द्रनाथशुक्ल,ग्रामप्रधानगोपीयादव,वासूयादव,कन्हैयालाल,पुजारीयादव,मीरा,गीता,पिकी,सुनीत,रेखाआदिमौजूदरहे।