अजब-गजब राजनीति: दुविधा में महागठबंधन को आकार नहीं दे पा रही कांग्रेस
यहदेखनादिलचस्पहैकिआमचुनावकेलिएमतदानकेदोचरणबीतजानेकेबादभीकांग्रेसमहागठबंधनकोआकारनहींदेपारहीहै।दिल्लीमेंआमआदमीपार्टीकेसाथगठबंधनकोलेकरकांग्रेसकीदुविधाअभीतककायमहै।वहदिल्लीमेंतोआमआदमीपार्टीकेसाथगठबंधनकरनेकोतैयारहै,लेकिनहरियाणामेंनहीं।दूसरीओरआमआदमीपार्टीहरियाणामेंगठबंधनकीशर्तपरहीदिल्लीमेंकांग्रेससेहाथमिलानाचाहरहीहै।पतानहींइनदोनोंदलोंमेंकोईतालमेलहोगायानहीं,लेकिनअगरहोताभीहैतोयहदोनोंदलोंकेकार्यकर्ताओंकेसाथ-साथउनकेसमर्थकोंकोअसहजकरनेकेसाथहीभ्रमितभीकरेगा,क्योंकिआमआदमीपार्टीमूलत:कांग्रेसविरोधकीहीउपजहै।
यहसहीहैकिकांग्रेसविरोधकीराजनीतिकरनेवालेकईदलआजउसकेसाथखड़ेहैं,लेकिनआमआदमीपार्टीकीस्थितिइसलिएअलगहै,क्योंकिउसकीओरसेपंजाबमेंकांग्रेससेसमझौतेकीकोईबातनहींकीजारहीहै।अगरकांग्रेसऔरआमआदमीपार्टीदिल्लीएवंहरियाणामेंमिलकरचुनावलड़तीहैंतोफिरवेपंजाबमेंएक-दूसरेकाविरोधकिसआधारपरकरेंगी?नि:संदेहबीतेकुछसमयसेगठबंधनराजनीतिकेनामपरअकल्पनीयगठजोड़बननेलगेहैंऔरएक-दूसरेकेप्रबलविरोधीदलभीसमाजयाफिरदेशहितकाबहानाबनाकरएकसाथखड़ेहोनेलगेहैं,लेकिनइसकाकोईमतलबनहींराजनीतिकदलअपनेस्वार्थसाधनेकेलिएजनताकोजीतीमक्खीनिगलनेकेलिएकहें?
एकसमयथाजबसमानराजनीतिकविचारधारावालेदलएकसाथआतेथे,फिरवेकुछमुद्दोंपरसहमतियाफिरकिसीन्यूनतमसाझाकार्यक्रमकेआधारपरएकसाथआनेलगे।अबवेजुमलेगढ़करएकसाथआनेकीकोशिशकरतेदिखरहेहैं।ऐसाकरकेवेगठबंधनराजनीतिकोमौकापरस्तीकापर्यायबनानेमेंहीलगेहुएहैं।वेयहकामकिसतरहबिनालोक-लाजकेकररहेहैं,इसकासटीकउदाहरणहैंभाजपाछोड़करकांग्रेसमेंआएशत्रुघ्नसिन्हा।वहखुदपटनासाहिबसेकांग्रेसकेप्रत्याशीबनेऔरउनकीपत्नीपूनमसिन्हासमाजवादीपार्टीकीलखनऊसेउम्मीदवारबनगईं।
नि:संदेहकोईऐसेतर्कदेसकताहैकियहजरूरीनहींकिपति-पत्नीकीराजनीतिकविचारधाराएकहीहो,लेकिनक्यायहभीतार्किकहैकिशत्रुघ्नसिन्हालखनऊमेंकांग्रेसप्रत्याशीकीआपत्तिकेबीचपत्नीपूनमसिन्हाकाप्रचारकरनेआएंतोअखिलेशयादवसंगमायावतीकोभीप्रधानमंत्रीपदकायोग्यउम्मीदवारबताएं?क्यावहपटनासाहिबमेंभीयहीकहेंगे,जहांबसपाअपनेबलबूतेचुनावलड़रहीहै?
आखिरयहहोक्यारहाहै?यहगठबंधनराजनीतिहोरहीहैयाफिरजनताकोपहेलियांबुझाईजारहीहैं?मानाकिभारतीयराजनीतिदिन-प्रतिदिनअवसरवादीऔरअनैतिकहोतीजारहीहै,लेकिनक्याअबउसेजनताकीआंखोंमेंधूलझोंकनेकाभीअधिकारमिलगयाहै?चूंकिऐसेसवालोंकाराजनीतिकदलोंकीओरसेकोईजवाबनहींमिलनाइसलिएआमजनताकोहीयहदेखनाहोगाकिघोरअवसरवादीऔरसिद्धांतहीनराजनीतिसेउसकापीछाकैसेछूटे?