भारत-चीन युद्ध में बलिदान देकर वीर सपूतों ने नहीं आने दिया अस्मिता पर आंच

अरवल।स्थानीयनगरभवनमेंसोमवारकोअखिलभारतवर्षीययादवमहासभाकेद्वारालद्दाखकेरेजांगलामेंशहीदहुएसैनिकोंकेसम्मानमें57वांशौर्यदिवससमारोहकाआयोजनकियागया।इसकीअध्यक्षतामहासभाकेजिलाध्यक्षश्यामासिंहयादवएवंसंचालनप्रदेशसचिवसंजयकुमारसिन्हानेकी।समारोहकाउद्घाटनजापकेराष्ट्रीयअध्यक्षराजेशरंजनउर्फपप्पूयादव,स्थानीयविधायकरविद्रसिंहएवंमहासभाकेप्रदेशअध्यक्षसच्चिदानंदयादवनेसंयुक्तरूपसेदीपप्रज्वलितकरकिया।मौकेपरउपस्थितअतिथियोंद्वारालद्दाखमेंबनेभारत-चीनसीमापररेजांगलामेंबनेशहीदस्मारकअहीरधामकेतैलचित्रपरपुष्पांजलिअर्पितकरश्रद्धांजलिदीगई।इसअवसरपरजापअध्यक्षपप्पूयादवनेअपनेसंबोधनमेंकहाकिभारतचीनयुद्धकेसमयदेशकेवीरसपूतोंनेअपनासर्वोच्चबलिदानदेकरराष्ट्रीयअस्मितापरआंचनहींआनेदिया।उनकेअछ्वुतसाहसऔरशौर्यसभीदेशवासियोंकोसदियोंतकप्रेरणादेतीरहेगी।इसदौरानवक्ताओंनेसिखरेजीमेंट,बिहाररेजिमेंटतथागोरखारेजीमेंटकीतरहअहीररेजिमेंटस्थापनाकिएजानेकीमांगकी।शौर्यदिवससमारोहमेंरेजांगलाकीलड़ाईकीचर्चाकरतेहुएवक्ताओंनेकहाकिइसप्रकारकीलड़ाईपूरीदुनियामेंअनूठीलड़ाईथीजिसे13वींकुमाऊंरेजिमेंटकीचार्लीकंपनीअहिरकंपनीभीकहाजाताथा।इनकेजवानोंनेअपनीआहुतिदेकरदेशकीरक्षाकीथी।इसकंपनीमें120जवानोंनेनसिर्फचीनीसेनाकेसैलाबकोरोकाथाबल्किचीनीसेनाकोएकतरफायुद्धविरामकीघोषणाकरनेऔरउनकेअत्याधुनिकहथियारकोसमर्पितकरनेपरमजबूरभीकरदियाथा।भारतीयजवानोंकेपासअंग्रेजोंद्वाराछोड़ेगएहथियारथेजबकिचीनीसेनाअत्याधुनिकहथियारोंसेपूरीतरहसेलैसथा।जबभारतीयरणबांकुरोंकेपासगोलाबारूद़खत्महोगयातोवेलोगराइफलकेबट,चा़कूएवंईंटपत्थरसेभीअंतिमसांसतकलड़तेरहे।इसबहादुरीकेकारणहीइसयुद्धकोविश्वकेपांचमहानतमयुद्धोंमेंस्टोरीजऑफब्रेवरीकेअंदरजगहदियाजाताहै।यूरोपकेस्कूलोंमेंइसयुद्धकेबारेमेंपढ़ायाभीजाताहै।जवानोंकेद्वाराइसलड़ाईमेंअहीरजातिकेसच्चेसपूतजिन्होंनेअपनीधरतीकेलिएशहादतपूरीतरहसेदेदीलेकिनउन्होंनेपीठनहींदिखाया।इसअवसरपरविधायककुमारकृष्णमोहनउर्फसुदययादव,जहानाबादकेजिपअध्यक्षआभारानी,जिपअध्यक्षाकिरणदेवी,जापकेजिलाध्यक्षसुबोधयादव,महासभाकेझारखंडप्रभारीश्यामनंदनयादव,युवाअध्यक्षअजययादव,प्रखंडप्रमुखकांतिदेवी,नंदकिशोरयादव,रविद्रकनौजिया,अवधेशयादव,सुभाषचंद्रयादव,सुरेशयादव,सैनिकसंघकेजिलाअध्यक्षरामपदार्थयादव,सरजूयादवसहितसैकड़ोंलोगशामिलथे।