बरहट में चार तो लक्ष्मीपुर में दो चिकित्सक के भरोसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
जमुई।बरहटऔरलक्ष्मीपुरप्रखंडमेंस्थापितपीएचसीखुदवेंटिलेटरपरहै।यहांबुनियादीसुविधाएंभीलोगोंकोमयस्सरनहींहोपारहीहै।कईमूलभूतसुविधाओंकीकमीसेयहस्वास्थ्यकेंद्रजूझरहाहै।बरहटमेंतकरीबन90हजारकीआबादीपर4चिकित्सकतोलक्ष्मीपुरमेंतकरीबनडेढ़लाखकीआबादीपरसिर्फदोचिकित्सकहीबहालहैं।इतनाहीनहींअन्यस्वस्थ्यकर्मियोंकाभीअभावहै।
बरहटऔरलक्ष्मीपुरप्रखंडोंकीभौगोलिकबनावटजंगली,पहाड़ीवमैदानीहै।लिहाजायहांमलेरिया,डायरियासहितअन्यकईप्रकारकेरोगसेलोगआक्रांतपायेजातेहैं।नतीजतनसमयपरइलाजकेअभावमेंकईलोगकालकेगालमेंसमाजातेहैं।संसाधनवमुकम्मलइलाजकीव्यवस्थानहींहोनेकीवजहसेमरीजोंकोरेफरकरदियाजाताहै।नतीजतनकईकीमौतरास्तेमेंहीहोजातीहै।
प्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रकोनहींहैअपनाभवन
यहजानकरआश्चर्यहोगाकिवर्षोंसेचलरहेप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रबरहटकेपासअपनाभवनतकनहींहै।बगलमेंसंचालितआयुर्वेदिकअस्पतालमेंहीपीएचसीकीओपीडीचलतीहै।वर्ष1999मेंतत्कालीनशिक्षामंत्रीजयप्रकाशनारायणयादवद्वाराप्राथमिकउपस्वास्थ्यकेंद्रकाउद्घाटनकियागयाथा।इसीभवनमें2006सेपीएचसीकाकार्यशुरूकरदियागयाथा।
चिकित्सकवस्वास्थ्यकर्मीकाहैअभाव
बरहटपीएचसीमेंकुलआठडॉक्टरकीजगहसिर्फचारडॉक्टरहीपूरेपीएचसीकाभारसंभालेहुएहैं।लक्ष्मीपुरपीएचसीकाभीवहीहालहैजहांसिर्फदोडॉक्टरपरपूरेस्वास्थ्यकेंद्रकीजिम्मेदारीहै।हालांकिबरहटमेंप्रभारीमिलाकरपांचडॉक्टरपदस्थापितहैं।जिसमेंसे1डॉक्टरलगभग2सालसेछुट्टीपरहैं।इसकेअलावाएएनएमवअन्यस्वास्थ्यकर्मियोंकाभीवहीहालहै।जहांएकतिहाईसेभीकमकर्मीशामिलहैं।
नहींहैमहिलाचिकित्सक
बरहटऔरलक्ष्मीपुरपीएचसीमेंएकभीमहिलाचिकित्सकनहींहै।जिससेएएनएमऔरममताद्वाराप्रसवकरायाजाताहै।जोकभी-कभीजच्चाऔरबच्चाकेलिएखतरनाकसाबितहोतीहै।इतनाहीनहींगर्भवतीकाइलाजभीइन्हींकर्मियोंकेजिम्मेरहतीहै।
रातमेंनहींरहतेहैंचिकित्सक
विडंबनादेखिएकिएकतोयेप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रकर्मियोंकेकमीकीमारतोझेलहीरहाहैलेकिनइनदोनोंप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रोंमेंरातकीड्यूटीसेभीडॉक्टरवअन्यकर्मीगायबरहतेहैं।नतीजतनरातमेंआएमरीजोंकोबगैरइलाजकेहीवापसहाइयरसेंटरइलाजकेलिएजानापड़ताहै।
नहींहैस्वास्थ्यकर्मियोंकोरहनेकाआवास
खासकरबरहटकीबातकरेंतोआवासनहींरहनेकेकारणसभीकर्मीमुख्यालयमेंरहतेहैं।वहींमुख्यालय15किलोमीटरदूररहनेकेकारणकर्मीकोआने-जानेमेंपरेशानीहोतीहै।वहींकर्मीकोलेटसेआनेपरअस्पतालमेंमरीजोंकोघंटोंइंत•ारकरनापड़ताहै।हालांकिमिलाजुलाकरलक्ष्मीपुरपीएचसीकाभीवहीहालहै।
20किमीकेदायरेसेआतेहैंमरीज
इनदोनोंपीएचसीमेंइलाजकरानेआएमरीजोंकीबातकरेंतोतकरीबन20से25किलोमीटरकीदूरीतयकरजंगलीक्षेत्रसेइलाजकरानेपहुंचतेहैं।कईबारतोसंसाधनोंकेअभावमेंमरीजोंकोबगैरइलाजकेहीवापसहोनापड़ताहै।आवश्यकताकेअनुसारदवाइयांनहींमिलतीहै।जिससेलोगबाहरसेदवाइयांखरीदतेहैं।
हमारेयहांसंसाधनऔरचिकित्सकवअन्यकर्मियोंकीकाफीकमीहै।विशेषज्ञचिकित्सककाभीअभावहै।अधिकांशचिकित्सकपदस्थापितहोनेकेतुरंतबादवैकल्पिकव्यवस्थाकरचलेजातेहैं।चिकित्सकवअन्यकर्मियोंकीभीमांगकीगईहै।दवाकीसमुचितव्यवस्थारहतीहै,उपलब्धसाधनोंमेंहीबेहतरस्वास्थ्यसुविधादीजारहीहै।
डॉ.डीकेधुसिया,प्रभारीप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रलक्ष्मीपुर
विभागकोभवनकेलिएपत्रलिखागयाहै।जमीननहींरहनेकेकारणपीएससीकोअभीफिलहालबरहटएचएससीमेंचलानापड़रहाहै,संसाधनोंकीकमीहैजिससेआयेदिनलोगोंकोपरेशानियोंकासामनाकरनापड़रहाहै।मौजूदसंसाधनोंमेंहीबेहतरस्वास्थ्यसुविधामुहैयाकराईजारहीहै।
डॉ.एनकेमंडल,पीएचसीप्रभारीबरहट