चीन से समझौते के बाद ईरान ने चाबहार रेल परियोजना से बाहर कर भारत को दिया झटका
नईदिल्ली,जयप्रकाशरंजन।अमेरिकीदबावमेंजबसेभारतनेईरानसेतेलखरीदनाबंदकियाहैउसीसमयसेदोनोदेशोंकेरिश्तोंमेंतनावघुलनेलगाथा।अबईराननेइसकाजवाबचाबहारसेजाहेदानतककीमहत्वपूर्णरेलपरियोजनासेभारतकोबाहरकरकेदियाहै।इससेभारतकीपरेशानीकीदोवजहेंहैं।एकतोअफगानिस्तानकेरास्तेमध्यएशियाईदेशोंतककारोबारकरनेकीभारतकीरणनीतिकोगहराधक्कालगाहै।
चीनकेसाथरणनीतिकसमझौताकरनेकेतुरंतबादकियाफैसला
दूसरा,ईराननेसंकेतदिएहैकिसमूचेचाबहारसेक्टरमेंचीनकीकंपनियोंकोबड़ीभागीदारीनिभानेकारास्तासाफकियाजासकताहै।ईराननेकुछदिनपहलेहीचीनकेसाथएकसमझौताकियाहैजिसकेतहतवहांचीनीकंपनियांअगले25वर्षोमें400अरबडॉलरकाभारी-भरकमनिवेशकरेंगी।ईरानकेइसफैसलेपरभारतसरकारनेआधिकारिकतौरपरकोईबयाननहींदियाहै।लेकिनजानकारमानरहेहैंकिईरानकाफैसलाचाबहारपोर्टकेजरिएरणनीतिकहितसाधनेकीकोशिशोंकोधक्कालगाहै।
चाबहारपोर्टसिर्फभारतकीअफगानिस्ताननीतिऔरअफगानमेंपाकिस्तानकीघुसपैठकोकमकरनेकेलिएहीमहत्वपूर्णनहींहैबल्किजिसरेलप्रोजेक्टसेभारतकोअलगकियागयाहैवहभविष्यमेंभारतीयउत्पादोंकोरेलमार्गसेयूरोपतकबहुतहीकमसमयमेंऔरकमलागतपरभेजनेकाकामकरनेवालाथा।यहरेलप्रोजेक्टचाबहारपोर्टसेजाहेदानकेबीचकीहै।भारतकीतैयारीइसेजाहेदानसेआगेतुर्केमिनिस्तानकेबोर्डरसाराखतकलेजानेकीथी।
अफगानिस्तानकेरास्तेमध्यएशियातकजानेकीभारतकीरणनीतिकोधक्का
इसकीसंभावनाओंकोदेखतेहुएभारतचाबहारपोर्टपरएकबड़ाआर्थिकजोनभीबनानेकीयोजनाबनारहाथा।इसकीजानकारीजहाजरानीमंत्रीनितिनगडकरीनेसंसदमेंभीदीथी।चाबहारपोर्टकेलिएसमझौतापीएमनरेंद्रमोदीनेवर्ष2016कीअपनीईरानयात्राकेदौरानकियाथा।इसकीवजहसेअफगानतकमददपहुंचानेकेलिएभारतअबपाकिस्तानकेभरोसेनहींरहगयाहै।
अमेरिकीदबावमेंतेलनहींखरीदनेकेभारतीयनीतिकालियाबदला
ईरानसरकारकेसूत्रोंनेदैनिकजागरणकोबतायाकि,''हमेंउम्मीदथीकिचाबहारपोर्टमेंनिवेशकरभारतरणनीतिकतौरपरबेहदमहत्वपूर्णइससेक्टरकेडेवलपमेंटमेंअहमभूमिकानिभाएगाऔरचाबहार-जाहेदानरेलपरियोजनामेंभीनिवेशकरेगा।लेकिनभारतकीतरफसेलगातारसाझेदारीनहींहोनेकीवजहसेअबइसप्रोजेक्टकाकामईरानीकंपनियांकररहीहैं।भारतकेसाथहमारीदोस्तीबेहदमहत्वपूर्णहै।ईरानहमेशासमझताहैकिभारतकेसाथउसकेरिश्तेकीकोईसीमानहींहै।भारतकाहमेशास्वागतहोगा।लेकिनकोईभीतीसरापक्षयाअपनीतरफसेथोपेगयेप्रतिबंधकोइसऐतिहासिकसौहार्दपूर्णसमझौतेकोनुकसानपहुंचानेकीइजाजतनहींहोनीचाहिए।''
अमेरिकीप्रतिबंधकीवजहसेभारतनेईरानसेतेलखरीदनाकियाबंद
दरअसल,इसपरियोजनाकाठेकासरकारीक्षेत्रकीइरकॉनवराइट्सकोमिलीथीलेकिनअमेरिकीप्रतिबंधोंकीवजहसेउनकेलिएइसपरकामकरनाअसंभवथा।यहीवजहहैकिईरानसरकारकेसूत्रोंनेसांकेतिकभाषामेंअमेरिकीदबावकाजिक्रकियाहै।सनदरहेकिअमेरिकीप्रतिबंधकीवजहसेभारतनेईरानसेतेलखरीदनाएकदमबंदकररखाहैजबकिवर्ष2018-19तकवहभारतकादूसरासबसेबड़ातेलआपूर्तिकर्तादेशथा।
वर्ष2019-20केशुरुकेदोमहीनेभीभारतनेतेलखरीदे,लेकिनउसकेबादकोईभीखरीदनहींकीहै।भारतनेदूसरेदेशोंसेतेलतोहासिलकरलियाहैलेकिनइसबीचअमेरिकाकेबढ़तेदबावमेंचीनऔरईरानकेबीचरिश्तेतेजीसेसुधरनेलगेहैं।चीनईरानऔरपाकिस्तानकोभीएकसाथलासकताहैजिससेअफगानिस्तानमेंभारतीयपक्षऔरकमजोरहोसकताहै।