दो साल में देश का हरित क्षेत्र पाँच हज़ार वर्ग किमी बढ़ा, पूर्वोत्तर में कम हुये जंगल : वन रिपोर्ट
नयीदिल्ली,30दिसंबर(भाषा)पिछलेदोवर्षोंमेंदेशकेहरितक्षेत्रमें5,188वर्गकिमीकीबढ़ोतरीहुईहैजिसमेंवनक्षेत्रऔरवनसेइतरवृक्षोंसेआच्छादितहरितक्षेत्रभीशामिलहै।पर्यावरण,वनएवंजलवायुपरिवर्तनमंत्रीप्रकाशजावडेकरनेसोमवारकोभारतीयवनसर्वेक्षणद्वारातैयारकीगयी‘भारतमेंवनक्षेत्रकीस्थितिरिपोर्ट2019’(आईएसएफ़आर)जारीकरतेहुएयहजानकारीदी।उन्होंनेबतायाकिदेशमेंवनक्षेत्र7,12,249वर्गकिमीहोगयाहै।उन्होंनेकहाकियहदेशकेकुलक्षेत्रफलका21.67प्रतिशतहै,जबकिवनक्षेत्रकेबाहरवृक्षोंसेआच्छादितहरितक्षेत्र95,027वर्गकिमीकोमिलाकरदेशकाकुलहरितक्षेत्र807276वर्गकिमीहै,जोकिकुलभूभागका24.56प्रतिशतहै।वनसर्वेक्षणकी16वींरिपोर्टकेअनुसार2017कीतुलनामेंदेशकेहरितक्षेत्रमें5188वर्गकिमीकीबढ़ोतरीहुयीहैजिसमेंवनक्षेत्रमें3976वर्गकिमीबढ़ोतरीशामिलहै।जावड़ेकरनेकहाकिवनक्षेत्रमेंबढ़ोतरीवालेअग्रणीराज्योंमेंकर्नाटक(1025वर्गकिमी),आंध्रप्रदेश(990वर्गकिमी),केरल(823वर्गकिमी)औरजम्मूकश्मीर(371वर्गकिमी)शामिलहैं।उन्होंनेकहाकिवनक्षेत्रमेंकमीदर्जकियेजानेवालेराज्योंमेंमणिपुर(499वर्गकिमी)अरुणाचलप्रदेश(276वर्गकिमी)औरमिजोरम(180वर्गकिमी)शामिलहैं।जावड़ेकरनेपूर्वोत्तरराज्योंमेंवनक्षेत्रमें765वर्गकिमीकीकमीआनेकेबारेमेंकहाकिइनराज्योंमें70से80प्रतिशततकवनक्षेत्रबरकरारहै।उन्होंनेकहाकिइनराज्योंमेंझूमखेतीकेप्रचलनकेकारणवनक्षेत्रमेंमामूलीकमीआयीहै,लेकिनइसेरोकनेकेलियेउपयुक्तकदमउठायेजानेपरध्यानकेन्द्रितकियाजायेगा।जावड़ेकरनेकहाकिहरितक्षेत्रमेंबढ़ोतरीवालेदुनियाकेअग्रणीदेशोंमेंभारतशामिलहैऔरइसमेंसरकारकीपर्यावरणहितैषीविकासनीतियोंकाप्रमुखयोगदानहै।उन्होंनेकहाकिदेशमें2014से2019केदौरानअबतकहरितक्षेत्रमें13हजारवर्गकिमीकीवढ़ोतरीहुयीहै।उन्होंनेकहाकिसघनवनक्षेत्र,विरलवनक्षेत्रऔरसामान्यवनक्षेत्र,तीनोंश्रेणियोंमेंबढ़ोतरीदर्जकरनेवालाभारतएकमात्रदेशहै।रिपोर्टकेदूसरेहिस्सेमेंवर्णितराज्योंकेहरितक्षेत्रकीस्थितिकाजिक्रकरतेहुयेजावड़ेकरनेकहाकिवनक्षेत्रकेबाहरवृक्षोंसेआच्छादितक्षेत्रमेंबढ़ोतरीवालेराज्योंमेंमहाराष्ट्र,राजस्थान,उत्तरप्रदेशऔरजम्मूकश्मीरशामिलहैं।उन्होंनेकहाकिइसीप्रकारसमुद्रीक्षेत्रकेआसपासकेवनक्षेत्र(मेंग्रोव)मेंभीदोसालमें54वर्गकिमीकाइजाफाहुआहै।केंद्रीयमंत्रीकेअनुसार,मेंग्रोवमेंबढ़ोतरीवालेअग्रणीराज्योंमेंगुजरात,महाराष्ट्रऔरओडिशाशामिलहै,वहींपर्वतीयक्षेत्रोंमेंवनक्षेत्र544वर्गकिमीऔरआदिवासीक्षेत्रोंमें1181वर्गकिमीबढ़ाहै।जावडेकरनेकहाकिदेशकेउत्सर्जितकार्बनमें2017केपिछलेआकलनकेमुकाबले4.26करोड़टनकीवृद्धिहुई,जबकिबांसकाहरितक्षेत्र2.06प्रतिशतबढ़ोतरीकेसाथ3229वर्गकिमीहोगयाहै।उन्होंनेकहा,‘‘यहरिपोर्टहमेंभरोसादिलातीहैकिहमपेरिससमझौतेकेलक्ष्योंकोहासिलकरनेकीराहपरहैं।’’रिपोर्टकेअनुसारदेशकेकुल6.5लाखगांवोंमेंसे1.7लाखगांववनक्षेत्रकेआसपासस्थितहैं।उल्लेखनीयहैकिभारतीयवनसर्वेक्षणदोसालकेअंतरालपरआईएसएफआररिपोर्टप्रकाशितकरताहै।रिपोर्टकेअनुसार,देशमेंवनोंमेंआगलगनेकीघटनाओंमें20प्रतिशतकीकमीआयीहै।देशका21प्रतिशतवनक्षेत्रआगलगनेकेखतरेकेदायरेमेंहै।जावड़ेकरनेकहाकउपग्रहआधारिततकनीककीमददसेवनअग्निपरनियंत्रणकेउपायोंकोसफलतापूर्वकलागूकियागयाहै।पहलेसेसूखाएवंजमीनकेबंजरहोनेकेखतरेसेजूझरहेबुंदेलखंडऔरविदर्भजैसेइलाकोंमेंहरितक्षेत्रकीस्थितिकेसवालपरजावड़ेकरनेकहाकिरिपोर्टमेंराजस्थानकेहरितक्षेत्रमेंइजाफा,इसबातकीओरस्पष्टसंकेतहैकिसूखाग्रस्तइलाकोंमेंभीवानकीकरणकेप्रयाससफलहोरहेहैं।उन्होंनेकहाकिराजस्थानऔरमध्यप्रदेशकेचंबलक्षेत्रमेंऔरविदर्भकेमाहीक्षेत्रमेंवनएवंहरितक्षेत्रबढ़ाहै।