एनरान-दाभोल मामला: न्यायालय ने अत्यधिक विलंब की वजह से कथित भ्रष्टाचार का मामला किया बंद

नयीदिल्ली,11अप्रैल(भाषा)उच्चतमन्यायालयनेएनरान-दाभोलविद्युतपरियोजनामेंनेताओं,नौकशाहोंऔरकार्पोरेटकीभ्रष्टाचारमेंकथितसंलिप्तताकेमामलेकाबृहस्पतिवारकोयहकहतेहुयेपटाक्षेपकरदियाकि‘‘25सालसेअधिककाविलंब’’होनेकीवजहसेअबइसमेंजांचकेलियेगठितन्यायिकआयोगकोजारीकरनेकाकोईफायदानहींहोगा।प्रधानन्यायाधीशरंजनगोगोई,न्यायमूर्तिदीपकगुप्ताऔरन्यायमूर्तिसंजीवखन्नाकीपीठनेयहमामलाबंदकरतेहुयेकहा,‘‘अत्यधिकविलंबऔरइसमेंसंलिप्तअनेकव्यक्तियोंकीअनुपलब्धताकेतथ्यकेमद्देनजरन्यायिकजांचआयोगकोजारीरखनेकाकोईलाभप्रदमकसदपूरानहींहोगा,हमइसमामलेकेविचित्रतथ्योंऔरपरिस्थितियोंकेमद्देनजरयाचिकाबंदकरतेहैं।’’न्यायालयकेसमक्षएकमात्रसवालथाकिक्याशीर्षअदालतकेपूर्वन्यायाधीशएसपीकुर्दुकरकीअध्यक्षतामेंसातनवंबर,2001कोगठितन्यायिकआयोगको1993केइसमामलेमेंतमामलोकसेवकोंकीभूमिकाकापतालगानेकेलियेजांचजारीरखनीचाहिए।इसपरियोजनामेंकथितअनियमित्ताओंकेबारेमेंपूर्वगृहसचिवमाधवगोडबोलेकीअध्यक्षतावालीसमितिकीरिपोर्टकेमद्देनजरइसकीजांचकेलियेन्यायिकआयोगकेगठनकीमांगशीर्षअदालतमेंउठाईगयीथी।गोडबोलेसमितिनेमहाराष्ट्रसरकारको2001मेंसौंपीअपनीरिपोर्टमेंसंकेतदियाथाकिइसपरियोजनाकेलियेठेकादेनेऔरइसकीमंजूरीकीप्रक्रियामेंगंभीरअनियमित्तायेंहुयींहैंजोपहलीनजरमेंजनहितकेखिलाफहै।गोडबोलेसमितिकीरिपोर्टमेंदियेगयेसुझावकेआधारपरहीन्यायमूर्तिकुर्दुकरकीअध्यक्षतामेंजांचआयोगगठितकियागयाथा।महाराष्ट्रराज्यविद्युतबोर्डकेसाथ1993मेंबिजलीखरीदसमझौतेपरहस्ताक्षरकरनेकेबादअमेरिकीकंपनीएनरॉनऔरउसकीसहयोगीकंपनीदाभोलपावरकॉरपोरेशनने1996मेंतीनअरबडॉलरकीलागतसेमहाराष्ट्रमेंबिजलीपरियोजनास्थापितकीथी।शीर्षअदालतने1997मेंबिजलीखरीदसमझौते(पीपीए)कोबरकराररखनेकेबंबईउच्चन्यायालयकेआदेशकोचुनौतीदेतेहुएसेंटरफॉरइंडियनट्रेडयूनियन(सीटू)कीयाचिकाविचारार्थस्वीकारकरलीथीऔरसमझौतेपरहस्ताक्षरकरनेकेमामलेमेंसरकारऔरउसकेअधिकारियोंकीभूमिकाकेबारेमेंमहाराष्ट्रराज्यविद्युतबोर्डकोनोटिसजारीकियाथा।इसमामलेमेंसुनवाईकीपिछलीतारीख14फरवरीकोमहाराष्ट्रसरकारनेन्यायालयको1996मेंबंबईउच्चन्यायालयकेसमक्षयहमामलाआनेकेबादसेहुयेघटनाक्रमसेअवगतकराया।हालांकि,न्यायलायनेराज्यसरकारसेकहाथाकिवहइसमामलेकोबंदनहींकरेगा।शीर्षअदालतकोसातमार्च,2018कोकेन्द्रसरकारनेसूचितकियाथाकिइसन्यायिकआयोगकोजारीरखनेमेंउसकीदिलचस्पीनहींहै।