गृहस्थ आश्रम में रहकर भी परमात्मा को प्राप्त कर सकता है मनुष्य : शास्त्री

सुपौल।धरहरापंचायतकेवार्डनंबर6चिकनापट्टीगांवमेंसत्यनारायणयादवकेआवासपरचलरहेसातदिवसीयसंगीतमयीश्रीमदभागवतकथाकेदौरानबुधवारकोसातवेंवअंतिमदिनराधा-कृष्णकीभव्यझांकीनिकालीगई।लोगोंनेआनंदपूर्वकवझूमकरझांकीकाआनंदउठाया।भागवतकथाकेसातवेंवअंतिमदिनअयोध्याधामसेपधारेकथाव्यासपंडितरविन्द्रशास्त्रीमहाराजनेसुदामाचरित्रप्रसंगकावर्णनकरतेहुएकहाकिसुदामाभगवानकेपरमप्रियभक्तथेऔरमित्रभीथे।संदीपनमुनिकेआश्रममेंदोनोंनेशिक्षाग्रहणकिया।सुदामाअपनेयाचकवृतिकाकभीउन्होंनेअपमाननहींकराया।सुदामाकेचरित्रसेहमकोयहशिक्षालेनीचाहिए।मनुष्यगृहस्थआश्रममेंभीरहकरकेपरमात्माकोप्राप्तकरसकताहै।सुदामाकेअंदरसंतोषथा,सुदामानेभगवानकृष्णकेहिस्सेकाभीजोचनाखायाथाउससेवेदरिद्रहोगए।चनाखानेसेगरीबहोगयेइसकाएकरहस्यसंतलोगबतातेहैंकिएकबुढि़यामांगनेकेलिएगयीउनकोचनेमिलगए।पांचदिनकीभूखीथीवोतबतकएकएकादशीकाव्रतकरलियाऔरसोचाकिसवेरेहमपारणइसीचनेकोखाकरकरलेंगेऔरवहभीसंदीपनमुनिकेआश्रममेंगिरगया।संयोगसेवोचनागुरुमातानेदोनोंकोखानेकेलिएदेदिया।उधरउसबुढि़यानेजोश्रापदेदियाथाकिउसचनेकोजोभीखायेगावहदरिद्रहोजाएगा।सुदामानेसोचामेराकृष्णदरिद्रहोजाएगातोविश्वकाभरणपोषणकैसेकरेगाइसलिएस्वयंचनाकोखाकरदरिद्रहोगए।मित्रमिलनकेबादपरमात्मानेउसदरिद्रताकोसमाप्तकरदियाऔरतीनोंलोककाराजाबनादिया।सुदामाकाभक्तित्यागऔरसमर्पणकाप्रतीकहै।

मौकेपरजयप्रकाशचौधरी,जनार्दनसाह,सिकेन्द्रप्रसादयादव,राजकिशोरयादव,अजययादव,रामसेवकयादव,अशोकयादव,हेमंतकुमारराज,अरुणजयसवाल,अजययादव,शिवठाकुर,महेशयादव,राजेन्द्रचौधरी,ऋषिकांतविश्वकर्मा,जगदीशठाकुर,सुभाषयादव,गोलू,विवेक,विशाल,प्रज्ञा,मधु,जया,संजुदेवी,अर्चनायादव,चंदादेवी,सुनीताचौधरी,संगीतदेवी,आशादेवी,रेखादेवी,रेणुदेवीसहितसैकड़ोंश्रद्धालुउपस्थितथे।