कैसे आए पटरी पर अर्थव्यवस्था?

पिछलेमहीनेस्विट्जरलैंडकेदावोसमेंसालानाविश्वआर्थिकमंचकेसमारोहमेंहिस्सालेनेगएवित्तमंत्रीअरुणजेटलीकोदुनियाभरकेनेताओंकीओरसेबधाइयांमिलरहीथींक्योंकिभारतकोवैश्विकअर्थव्यवस्थामेंइकलौते“चमकदारसितारे”केतौरपरदेखाजारहाथा.चीनकीआर्थिकवृद्धिकीदास्तानअबठंडीपडऩेलगीथीऔरवहढलानकीओरथी.ब्रिक्ससमूहकेदोअन्यसदस्यब्राजीलऔररूसअपनी-अपनीसमस्याओंसेजूझरहेथे.बाकीयूरोपभीपीछे-पीछेघिसटरहाथा.अकेलेअमेरिकाथोड़ा-बहुतमहफूजदिखरहाथा.

ऐसेवैश्विकवातावरणकेबीचजबकितमामअर्थशास्त्रीयहकहरहेहोंकि2016मेंवैश्विकअर्थव्यवस्था2008कीमहामंदीकेदोहरावसेगुजरेगी,2015-16केलिएअनुमानित7फीसदीकीजीडीपीवृद्धिदरकेसाथभारतउम्मीदकीएककिरणकीतरहअलगसेखड़ादिखरहाहै.जबचीनकीअर्थव्यवस्थाभीधीमीपड़रहीहो,तबभारतकीअर्थव्यवस्थापिछलेकईबरसहिचकोलेखानेकेबादबहालहोतीनजरआरहीहै.जाहिरहै,ऐसेमेंदावोससम्मेलनमेंजेटलीवैश्विकनेताओंकीआंखोंकातारारहे.

लेकिनभारतलौटकरइसमाहकेअंतमेंजेटलीजबअपनातीसराबजटपेशकरनेकीतैयारियोंमेंजुटेहुएहैंतोउनकीरातोंकीनींदहरामहै.उन्होंनेएकबातचीतमेंइंडियाटुडेसेकहा,“जबआपअंतरराष्ट्रीयमंचोंपरजातेहैंतोहरकोईआपकोचमकदारसिताराकहकरबुलाताहैक्योंकिआपकीतुलनामेंदूसरोंकाप्रदर्शनठीकनहींदिखता.घरेलूमोर्चेपरहालांकिकृषि,निजीक्षेत्रमेंनिवेश,बैंकिंग,रोजगारवगैरहकेमसलेपरआपकीरातोंकीनींदउड़ीरहतीहै.”असलियतयहहैकिकरीबसेदेखनेपरभारतीयअर्थव्यवस्थाकाहालबुरानजरआरहाहै.लगातार13वेंमहीनेमेंनिर्यातगिराहै.कॉर्पोरेटराजस्वमेंवृद्धिठहरीहुईहै.कॉर्पोरेटकर्जउच्चतमस्तरपरहैऔरअच्छेदिनोंमेंतमामकंपनियोंकोजोकर्जमिलाथा,उसेचुकानेमेंउनकेपसीनेछूटरहेहैं.

वास्तविकतायहहैकिकॉर्पोरेटजगतमेंमाहौलइसवक्तसबसेज्यादाखराबहैऔरशेयरबाजार,जोमोदीकेआनेकेबादअचानकउछलाथा,अबगोतेखारहाहै.

इसदौरानदोसाललगातारखराबमॉनसूनकेचलतेकृषिक्षेत्रमेंवृद्धिपूरीतरहठहरचुकीहै.इसदशकमेंग्रामीणआयकीरफ्तारसबसेधीमीचलरहीहै.नतीजतन,ग्रामीणक्षेत्रोंमेंउपभोगकीदरमेंआईकमीतमामक्षेत्रोंकोप्रभावितकररहीहै,चाहेवहट्रैक्टरऔरमोटरसाइकिलहोयाफिरबिस्कुटऔरजूसजैसीउपभोक्तासामग्रीऔरफ्रिजतथावॉशिंगमशीनजैसीटिकाऊउपभोक्तावस्तु.

वित्तराज्यमंत्रीजयंतसिन्हाकहतेहैं,“अर्थव्यवस्थामेंहमदोमसलोंसेजूझरहेहैं-एकअतीतमेंकीगईअति,अतिरिक्तक्षमताऔररुकीहुईपरियोजनाएंऔरसाथहीदूसरातथ्ययहहैकिदुनियाभरमेंजिंसोंमेंमंदीआईहै.यहदोहरीसमस्याहैजिसनेअर्थव्यवस्थाकेकुछक्षेत्रोंमेंवास्तविकचुनौतियांपैदाकीहैं.”

इससमस्यामेंऔरइजाफाउत्पादनऔरनईपरियोजनाओंकेनिवेशसेपैदाहोरहाहैजिसमेंजेटलीकेअधिकतमप्रयासोंकेबावजूदकोईसुधारनहींआयाहैऔरजिनपरप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीकेबहुचर्चितप्रोग्राम“मेकइनइंडिया”काकोईअसरनहींपड़ाहै.प्रत्यक्षकरसंग्रहशायदअपनेलक्ष्योंसेचूकजाएगा.इसकेअलावाशेयरबाजारकीमंदीकेचलतेवित्तमंत्रीविनिवेशकेलक्ष्यभीपूरेनहींकरपाएंगे.

सरकारअबतकविनिवेशसेबजटमेंप्रस्तावित69,500करोड़कीराशिकाआधाभीनहींजुटासकीहै.वैश्विकआर्थिकमंदीकेकारणवेयहभीउम्मीदनहींकरसकतेकिसेवाक्षेत्रअर्थव्यवस्थामेंतेजीलादे,जैसाकिनब्बेकेदशकऔर2000कीशुरुआतमेंहुआथा.

जेटलीकोआखिरकारसरकारीबैंकोंमेंपूंजीतोलगानीहीहोगीजिनकेडूबतखातेयानॉनपरफॉर्मिंगएसेट्स(एनपीए)कुल3.5लाखकरोड़तकपहुंचचुकेहैं.सरकारनेचारसालकीअवधिमेंबैंकोंकेपुनर्पूंजीकरणकेलिए70,000करोड़केपैकेजकाऐलानकियाहैजोसरकारीराजस्वपरएकऔरबोझहै.इससमस्याकोदुरुस्तकिएबगैरवेउम्मीदनहींकरसकतेकिबैंककंपनियोंकोऋणदें,भलेहीकंपनियांबड़ीपरियोजनाओंकेलिएकर्जलेनेकोतैयारहों.सेंटरफॉरमॉनिटरिंगइंडियनइकोनॉमीकहताहैकिदिसंबर2015में381परियोजनाओंकेलिए1.05लाखकरोड़रु.केनिवेशकाऐलानकियागयाथा,जोवित्तवर्ष2015कीतीसरीतिमाहीसे74फीसदीकमथा.

इनतमामसमस्याओंकेमद्देनजरजेटली,उनकेमातहतजयंतसिन्हाऔरमुख्यआर्थिकसलाहकारअरविंदसुब्रह्मण्यमनेवृद्धिकेअपनेअनुमानोंकोपहलेहीलचीलाबनादियाहै.दुनियामेंभलेहीभारतकी7.5फीसदीकीअनुमानितसालानाआर्थिकवृद्धिकाडंकाबजरहाहोलेकिनजेटलीजानतेहैंकिसालकीशुरुआतमेंउनकेघोषितअनुमान8.1-8.5फीसदीकीवृद्धिदरसेयहकाफीकमहै.इसबातकीउम्मीदकमदिखतीहैकिअर्थव्यवस्था2016-17में9फीसदीकीरफ्तारसेआगेबढ़पाएगी,जैसाउन्होंने2015केआरंभमेंउम्मीदजताईथी.इतनाहीनहीं,वित्तमंत्रीइसबातसेभीबखूबीवाकिफहैंकि7.5फीसदीकाआंकड़ादरअसलपिछलेसालभारतकीजीडीपीकीगणनाकेतरीकेमेंकिएगएबदलावसेपैदाहुआहै.अगरअबभीपुरानेतरीकेअपनाएजाएंतोअधिकतरअर्थशास्त्रियोंकामाननाहैकिवास्तविकवृद्धिदर5से5.5फीसदीकेबीचबैठेगीबिल्कुलउतनाहीजितनायूपीएकेआखिरीवर्षोंमेंदर्जकीगईथी.

जेटलीकेसामनेएकऔरबड़़ीसमस्यायहहैकिउन्हेंनसिर्फयहआश्वस्तकरनाहैकिवृद्धिमेंऔरतेजीआएबल्कियहभीदेखनाहोगाकियहवृद्धिऐसीहोजोरोजगारपैदाकरसके.हरमहीनेकरीबदसलाखयुवारोजगारकेबाजारमेंप्रवेशकररहेहैंऔरमोदीसरकारकाएकबड़ासिरदर्दयहहैकिकाफीतेजीसेरोजगारपैदाहोसकेंताकिबढ़तीभीड़कोकाममिलसके.अबतकअर्थव्यवस्थामेंपैदाहोरहेरोजगारोंकीसंख्याघिसटतीरहीहैऔरजबतकइसअहमसमस्याकोदुरुस्तनहींकरलियाजाता,यहबड़ेसामाजिकतनावोंकोजन्मदेसकतीहै.

सातअहमक्षेत्रोंकपड़ा,धातु,ऑटोमोबाइल,आभूषणऔररत्न,परिवहन,आइटी/बीपीओऔरखननमेंलेबरब्यूरोकेकिएगएसर्वेक्षणमेंचिंताजनकपहलूउभराहै.अप्रैलसेदिसंबर,2014केबीचइनक्षेत्रोंमें4,60,000रोजगारपैदाहुएथे.इसकेबादजनवरीसेमार्च2015केबीच64,000औररोजगारसृजितहुएलेकिनअप्रैलसेजून2015केबीचकपड़ाऔरऑटोमोबाइलक्षेत्रमें43,000रोजगारघटगए.मुंबईकेएकअर्थशास्त्रीकहतेहैं,“यहचिंताजनकहै.लोगोंनेनौमहीनेतकइंतजारकियाकिजमीनपरकुछहरकतहो,अपनीक्षमताकोअतिरिक्तनिर्मितकियाऔरफिरउन्हेंयहएहसासहुआकिअबऔरलोगोंकोरोजगारदेनेकीजरूरतनहींहै.असलीमसलारोजगार-सघनउद्योगोंपरध्यानदेनाहै.रक्षाऔरउत्पादनक्षेत्रकीबजाएरोजगारसृजनपरध्यानदियाजानाहोगा.डिजिटलइंडियायारक्षाक्षेत्ररोजगारपैदानहींकरते.”

कृषिऔरसंबद्धक्षेत्रदेशमेंकरीबआधेरोजगारपैदाकरतेहैं.वित्तमंत्रीऔरउनकेकनिष्ठमंत्रीग्रामीणतथाकृषिअर्थव्यवस्थाकोसरकारकीअहमप्राथमिकताओंमेंगिनातेहैं.दोनोंमंत्रियोंनेगरीबीउन्मूलन,सिंचाई,इन्फ्रास्ट्रक्चरनिर्माणऔरसामाजिकअधिसंरचनाकोअहमक्षेत्रकरारदियाहै.सिन्हाकहतेहैं,“हमनेयहतयकियाहैकिमनरेगामेंपर्याप्तपैसाहो.कोईभीइसेआयमेंसहयोगकेलिएइस्तेमालकरनाचाहेतोकरसकताहै.मनरेगामेंकामकरनेवालोंकीसंख्याबढ़ीहै.सूखेकेबादलोगोंनेइसेअपनायाहै.हमलोगोंकोफसलनुक्सानकीभरपाईकरेंगे,50नहींबल्कि30फीसदी.राहतकोषकावितरणऔसत8,000-9,000करोड़रु.सेबढ़कर24,000करोड़रु.तकपहुंचचुकाहै.हमनेसूखेऔरबाढ़कीमुआवजाराशिकाफीबढ़ादीहै.”

एकअनपेक्षितमामलेनेजेटलीकीकिस्मतकासाथदियाहै.वहहैकच्चेपेट्रोलियमतेलकीकीमतोंमेंलंबेसमयतकआईगिरावट.एनडीएकेसत्तामेंआनेकेमहीनेभरबादजून,2014मेंब्रेन्टकच्चेतेलकाएकबैरल110डॉलरपरबिकरहाथा,जो2015केमध्यतकगिरकर60डॉलरपरआगया.सालकेअंततकयह30से35डॉलरप्रतिबैरलकीदरसेबिकरहाथा.भारतअपनीजरूरतकातकरीबनसारातेलआयातकरताहै.यहबातसरकारकेलिएबड़ीलाभकारीरहीहै,साथहीकोयलेसेलेकरजिंकऔरतांबातकअन्यजिंसोंकीकीमतोंमेंभीगिरावटआईहैजिसनेसरकारकोसहारादियाहै.

अकेलेतेलकीकीमतोंमेंआईगिरावटनेसरकारकोआयातकेमदमेंएकसालमें2लाखकरोड़रु.बचालेनेकामौकादियाहै.कच्चेतेलकीकीमतोंमेंगिरावटकेदौरानपेट्रोलऔरडीजलपरउत्पादशुल्कबढ़ानेकेचलतेइससालसरकारकेराजस्वमेंअतिरिक्त3,700करोड़रु.काफायदाहुआहै.जिंसोंकीगिरतीकीमतोंनेसरकारकोमुद्रास्फीतिकोनियंत्रणमेंरखनेमेंमदददीहै&जोबीतेकुछमहीनोंकेदौराननकारात्मकरहीहै.हालांकिखाद्यकीमतोंमेंइजाफेकेचलतेउपभोक्तामूल्यसूचकांकचढ़ारहाहैतथाव्यापारसंतुलनकोनियंत्रणमेंरखनेकीसहूलियतदीहै.इसनेजेटलीकोवित्तीयघाटेकेलक्ष्यकोभीबनाएरखनेमेंमददकीहै(मौजूदावित्तवर्षकेलिए3.9फीसदी)भलेहीकरराजस्वमेंवृद्धिलक्ष्यसेनीचेरहीऔरविनिवेशकेलक्ष्यपूरीतरहपीछेछूटगए.

उपभोक्ताकीमतोंमेंआईगिरावटहालांकिदोधारीतलवारसाबितहोसकतीहै.इससेमुद्रास्फीतिऔरभारतकेआयातकीलागततोकमहुईहै,लेकिनइसनेनिर्यातकोहतोत्साहितकरनेमेंभीएकभूमिकानिभाईहैतथाजिंसकेंद्रितकईउद्योगोंमेंकामकररहीकंपनियोंकेराजस्वपरप्रतिकूलप्रभावडालाहै.

अपनेतीसरेबजटकीतैयारीमेंजुटेजेटलीकेसमक्षसवालहैकिउन्हेंफिलहालक्याकरनेकीजरूरतहै.इससेभीअहमयहहैकिवैश्विकआर्थिकमंदीऔरघरेलूमोर्चेपरउसकठोरविपक्षकीसूरतमेंवेवाकईक्याकुछकरसकतेहैं,जिसनेसरकारकेलाएकईविधेयकोंकोनाकामकरडालाहैजिनमेंभूमिअधिग्रहणविधेयकपरअध्यादेशऔरवस्तुतथासेवाकरविधेयकशामिलथे,जिनकाविदेशीनिवेशकबेसब्रीसेइंतजारकररहेथे.

पहलेदोबजटमेंजेटलीकीआलोचनाइसबातकेलिएकीगईथीकिवेकोईसाहसिककदमउठानेसेहिचकरहेहैं.आजइसबातकेस्पष्टसंकेतहैंकिसरकारअर्थव्यवस्थाकोदुरुस्तकरनेकेलिएकुछविशिष्टक्षेत्रोंकोसंज्ञानमेंरखतेहुएकामकररहीहै.

बेशक,कुछबड़ेविचारइसदिशामेंलाएगएहैं,जैसेस्टार्ट-अपसमुदायकोअबमान्यतादेदीगईहै.इन्फोसिसकेसह-संस्थापकएनआरनारायणमूर्तिकहतेहैं,“प्रधानमंत्रीनेविकसितदेशोंकेनेताओंकेसाथनिजीसंबंधस्थापितकिएहैं,उन्होंनेस्टार्ट-अपइंडियाकीशुरुआतकीहैयहसबकुछमददकरेगा.”यहबातअलगहैकिस्टार्ट-अपसमुदायकीरायइसमामलेमेंथोड़ाअलगहै,जिसकाकहनाहैकिइसयोजनामेंभारतछोड़करअमेरिकाऔरसिंगापुरभागजानेवालेउद्यमोंकोरोकनेकेलिएबहुतकुछनहींकियागयाहै.

आर्थिकीआजराजनीतिकेसाथगुत्थमगुत्थाहैऔरवस्तुतथासेवाकरविधेयककोआगेलेजानेमेंसरकारकीनाकामीनेकाफीनिराशापैदाकीहै.दिवालियाहोनेसंबंधीसंहितापरभीधीमीप्रगतिहुईहै.वित्तमंत्रीनेसाफकियाहैकियहविधेयकआखिरीचरणमेंहै.अच्छायहहैकिशीर्षस्तरपरभ्रष्टाचारमेंकमीआईहै.

इससेआगेबढ़तेहुएसरकारकोदेशकीकुछबड़ीचुनौतियोंकोस्वीकारकरनाहोगा.फिलहालसामान्यधारणायहहैकियेबड़ीचुनौतियांरोजगारऔरघरेलूमांगसेजुड़ीहुईहैं.यहयादरखनाबेहतरहोगाकिसभीकोखुशकरनेकेचक्करमेंकहींज्यादाबड़ीहताशाएंजन्मलेसकतीहैं.हरमहीनेलाईजारहीएकनईयोजनाऔरलगाएजारहेअतिरिक्तशुल्कोंनेइसतंत्रकोऔरजटिलबनाडालाहैऔरसरकारकेआर्थिकदर्शनकेसंबंधमेंभ्रामकसंकेतोंकाप्रसारकियाहै,जिसकेचलतेनिजीकरणपरउसकेकदमठिठकगएहैंऔरबहुतसंभवहैकिविनिवेशकेलक्ष्योंसेवहचूकजाएगी.वास्तवमेंसामान्यराययहबनरहीहैकिसरकारहरकहींघुसीहुईहैहोटलोंसेलेकरएयरलाइनतक,स्टार्ट-अपसेलेकरडिजिटलक्षेत्रतक,जिसपरअरुणजेटलीकहतेहैं,“एकफर्कहै;सरकारएकऐसावातावरणबनारहीहै,जहांनिजीक्षेत्रऔरलोगतरक्कीकरसकें.सरकारकारोबारोंकेभीतरघुसनहींरहीहै.तोचाहेवहडिजिटलइंडियाहोयास्टार्ट-अपइंडियायाफिरस्टैंडअपइंडियाआपबैंकिंगसंस्थानोंकोयहबतारहेहैंकिवेव्यावहारिकपरियोजनाओंकेलिएएससी,एसटीऔरऔरतोंकोकर्जजारीकरेंताकिवेउद्यमीबनसकें.उन्हेंफंडदेनाहैजिनकेपासधननहींहै.”

पहलाकदमयहहोनाचाहिएकिसरकारअधिरचनापरखर्चकोबढ़ाए.जेटलीऔरउनकेसहयोगीइसीमसलेपरसड़कपरिवहनराजमार्गऔरजहाजरानीमंत्रालयकेमंत्रीनितिनगडकरीकेसाथमिलकरकामकररहेहैं.गडकरीनेपुरानीपरियोजनाओंमेंझोलकोसाफकरनेमेंकाफीअहमकदमउठाएहैं.इसकाममेंवित्तमंत्रालयनेउनकीमददकेलिएराष्ट्रीयनिवेशऔरअधिसंरचनाकोषकीस्थापनाकीहै,जिसेसरकार49फीसदीअनुदानदेगीऔरविदेशीतथारणनीतिकघरेलूसाझीदारोंकीइसमेंहिस्सेदारीहोगी.इसकीआरंभिकराशि40,000करोड़रु.तयकीगईहै.

हिसाबआसानहै.लघुअवधिमेंअधिसंरचनाआधारितपरियोजनाओंपरसरकारीखर्चढ़ेरसारेरोजगारपैदाकरताहैऔरसीमेंटतथास्टीलजैसेतमामकिस्मकेउद्योगोंमेंमांगकोबढ़ाताहै.लंबीअवधिमेंभीअधिसंरचनाऐसेअनिवार्यहालातपैदाकरदेतीहैजिससेदूसरेउद्योगोंकीआर्थिकवृद्धिमेंसुधारआताहै.

मेकइनइंडियापरनईसोच?

इसमामलेमेंरायबंटीहुईहैकिभारतकोउत्पादनपरफोकसजारीरखनाचाहिएयासेवाक्षेत्रपरज्यादाजोरदेनाचाहिए.विकासकापूर्वएशियाईमॉडलश्रमिकोंकोकृषिसेहटाकरउद्योगोंमेंलेजानेऔरफिरउत्पादितसामानकानिर्यातकरनेपरआधारितथा.लेकिनगोल्डमैनसैक्सनेएकपर्चेमेंयहदलीलदीहैकिउभरतेहुएबाजारोंवालीअर्थव्यवस्थामेंरोजगारकाप्रमुखस्रोतसेवाक्षेत्रहीहैऔरपूरीतरहउत्पादनसेसंचालितमॉडलमौजूदासंदर्भमेंअच्छे-खासेझंझावतोंमेंफंससकताहै.

वैश्विकमाहौलनिर्यातकेअनुकूलनहींहैऔरमांगमेंअगलेकुछसालतकनरमीबनीरहनेकीसंभावनाहै.फिरउत्पादनकीक्षमता,खासकरचीनमें,बहुतहीज्यादाहैऔरटेक्नोलॉजीकाविकासजिसतरहसेहोरहाहै,वहभीउत्पादनवालेनिर्यातकेखिलाफजारहाहै.साथहीऑटोमेशन,3डीप्रिंटिंगवगैरहकीबदौलतआजपरिसंपत्तियोंकाकहींज्यादादक्षतासेइस्तेमालकियाजानामुमकिनहोसकाहै.विकसितदेशोंमेंउत्पादनकेलिएनतोप्रोत्साहनमौजूदहैंऔरअमेरिकामेंबढ़तीदरोंसेपूंजीगतखर्चोंकेलिएधनजुटानेकीलागतेंभीबढ़तीजारहीहैं.येसारीचीजेंनिर्यातपरटिकेपूर्वएशियाईमॉडलकेखिलाफजातीहैं.

दूसरीदिक्कतयहहैकिभारतमेंश्रमकानूनोंनेबड़ेपैमानेपरउत्पादनकेपैरोंमेंबेडिय़ांडालदीहैं.श्रमकानूनोंमेंआमूलचूलफेरबदलराज्योंपरनिर्भरहै.बड़ीपरियोजनाओंकेलिएजमीनकाअधिग्रहणलगातारदुखतीरगबनाहुआहै,बुनियादीढांचाऔरबिजली,दोनोंकीहालतलगातारगड्डमड्डहैऔरसरकारनेजोभीपहलऔरउपायकिएहैं,जमीनपरउनकाअसरदिखाईदेनेमेंलंबावक्तलगेगा.

कॉर्पोरेटक्षेत्रकेलिएकरोंकीदरेंअबभीबहुतज्यादाहैंऔरअगरजीएसटीकोलेकरसियासीगतिरोधजारीरहताहै,तोइसकेभीनतीजेसामनेआनेमेंकुछसाललगेंगे.सीआइआइकेप्रेसिडेंटसुमितमजूमदारकहतेहैं,“आजअगरआपसारेकरोंकोजोड़लें,तोआप27फीसदीया30फीसदीकाआंकड़ादेखरहेहोंगे.जीएसटीकेसाथयह18फीसदीपरआजाएगाऔरकारोबारकरनेकीलागतमेंनाटकीयकमीआजाएगी.”निजीनिवेशकेकमहोनेकेबारेमेंगोदरेजसमूहकेचेयरमैनअदिगोदरेजकहतेहैं,“निवेशकमहैतोइसलिएकिहिंदुस्तानमेंउपभोक्तामांगकाफीनहींहै.कईकंपनियांउन्हींकारखानोंसेज्यादाउत्पादकताहासिलकररहीहैं.कईसारीऔरमशीनेंलगाईजारहीहैंऔररोबोटलाएजारहेहैं.”

भारतकेजीडीपीमेंसेवाक्षेत्रकेयोगदाननेउत्पादनक्षेत्रकेयोगदानकोबहुतपीछेछोड़दियाहै.2011से2015केदरम्यानभारतकेसकलघरेलूउत्पादकीवृद्धिमेंउत्पादनक्षेत्रकायोगदान1.5फीसदीथा,जबकिसेवाक्षेत्रनेइसमें5.5फीसदीकायोगदानकिया.सेवाक्षेत्रमेंलागतभीकमहैऔरलालफीताशाहीभीकमहै.एकसबसेबड़ीई-कॉमर्सकंपनीकरीब30,000लोगोंकोरोजगारदेरहीहैऔर1,00,000लोगोंकोपरोक्षरोजगारमुहैयाकररहीहै.गोल्डमैनसैक्सइन्हेंअगलेदशककेरोजगारनिर्माताकहताहै.

बाजारनियामकसेबीकेप्रमुखयू.के.सिन्हाकहतेहैं,“कईसालकेअंतरालकेबाद2015-16मेंआइपीओकेबाजारमेंअच्छीप्रगतिदिखाईदी.2014-15मेंकुल9,500करोड़रु.उगाहेगएथे.अप्रैलऔरदिसंबर2015केदरम्यान18,000करोड़रु.उगाहेगए.इसकेअलावाऔर8,000से10,000करोड़रु.उगाहनामुमकिनहै.जबहमइनकंपनियोंकीतफसीलमेंजातेहैं,तोइनमेंसे16,000करोड़रु.नईपीढ़ीकीकंपनियोंनेउगाहे.बिजली,इस्पात,हाइवे,गैर-बैंकिंगवित्तीयसंस्थाओंसरीखेक्षेत्रोंनेइससालधननहींउगाहा.यहरकमआइटीक्षेत्रों,ई-कॉमर्स,शिक्षा,हेल्थकेयर,हॉस्पिटेलिटीसरीखेक्षेत्रोंसेआईहै.यहइसबातकाइशाराहैकिआर्थिकगतिविधियोंमेंएकबदलावआरहाहै.”

जेपीमॉर्गनचेजकेचीफएशियाइकोनॉमिस्टजहांगीरअजीजसरीखेअर्थशास्त्रीमानतेहैंकिमांगकेबरअक्सआपूर्तिकीदिक्कतेंइसकदरभारतकेसिरपरसवारहैंकिगलतनीतिगतहस्तक्षेपोंकीएकअहमवजहयहीहै.वेदलीलदेतेहैंकियेश्रमसुधारऔरकारोबारकरनेकीआसानीनहींहै,जोकंपनियोंकोपीछेखींचरहीहैं.कारोबारकरनेकीसुगमतामेंतो2003केबादसेलगातारसुधारआयाहै.औरकंपनियोंनेबदतरीनपूंजीगतहालातमेंतबनिवेशकियाथाजबरिटर्नयाप्रतिलाभ17फीसदीकेआसपासथे,जोआजशून्यसेनीचेमंडरारहेहैं.वेकहतेहैं,“येविदेशीहीहैंजोखरीदरहेहैंऔरहरचीजविदेशीमांगकोपूराकरनेकेहिसाबसेतैयारकीगईहै.घरेलूखरीदारोंकोविदेशियोंकीजगहलेनीहोगी.उन्हेंबुनियादीढांचेकोनएसिरेसेगढऩाऔरबदलनाहोगाताकिघरेलूखपतकोबढ़ावादियाजासके.”

अजीजयहभीकहतेहैंकिबंदरगाहऔरमालढुलाईकेसमर्पितगलियारेबनानेकाफायदासिर्फतभीमिलेगा,जबनिर्यातमेंफिरसेजबरदस्तउछालआए.बड़ेमेट्रोशहरोंकोजोडऩेसेध्यानहटाकरभारतकेहृदयकोजोडऩेपरध्यानलगानाहोगा,जिससेघरेलूमांगकोतेजप्रोत्साहनमिलेगा.बुनियादीढांचेकेनिर्माणसेउपभोगकोसाफतौरपरबढ़ावामिलेगा.

यहतोखैरठीकहै,मगरजेटलीकेबजटकालक्ष्यग्रामीणअर्थव्यवस्थाकोसाधनाहोगा.वित्तमंत्रीइससेवाकिफहैंकिशहरीउपभोगकेबलबूतेपरमांगबढ़ानाभरकाफीनहींहोगा.जेटलीसेजिसग्रामीणपैकेजकेखुलासेकीउम्मीदकीजारहीहै,वहएकबारफिरग्रामीणआमदनियोंकेइजाफेमेंमददकरेगाकृजोपिछलेएकसालसेअसलमेंठहरावकेदौरसेगुजररहीहैं.जेटलीकेतरकशमेंजोदूसरेउपायहैं,उनमेंएसएमईकोबढ़ावादेनेवालीयोजनाएंभीहैंसरकारकागणितहैंकिइनसेखासकरनिचलेस्तरोंपरढेरोंनौकरियांपैदाहोंगी.औरएकज्यादास्पष्टकरव्यवस्थाजोविदेशीनिवेशकोंकोभारतमेंएफडीआइलातेरहनेमेंऔरघरेलूउद्योगकोताकतवरबनानेमेंमददकरेगी.

कागजोंपरयेतार्किककदमनजरआतेहैंऔरकोईभीइनमेंमीनमेखनहींनिकालसकता.मगरअसलियतमेंयेकुछज्यादाहीमुश्किलसाबितहोसकतेहैं.क्याजेटलीअपनेरास्तेमेंआनेवालीढेरोंरुकावटोंसेलडख़ड़ाएबगैरउनचीजोंकाअंजामदेपाएंगेजोउनकेलिएकरनीजरूरीहैं?वहजोबजटपेशकरेंगे,उसीसेउनकीसरकारकोआंकाजाएगाऔरइसीबजटसेशायदउन्हेंसबसेज्यादायादभीरखाजाएगा.