कितनी रातें काटी जगकर, खुद को समझाने में..
संवादसहयोगी,भोगनीपुर:मलासाब्लाककेउमरियागांवकेपासस्थितपरचंदाबाबाधामपरिसरमेंशुक्रवारकीरातआयोजितकविसम्मेलनमेंकवियोंनेआकर्षकरचनाएंप्रस्तुतकरश्रोताओंकोमंत्रमुग्धकरदिया।कविताएंसुननेकेलिएश्रोतारातभरकविसम्मेलनमेंडटेरहे।
कविसम्मेलनकीशुरुआतउरईजालौनसेआईश्रृंगाररसकीकवियित्रीरुचिबाजपेयीनेमांशारदेकीवंदनासेकी।कवयित्रीनेसुनाया,ओमईयाशारदेसबपरकृपाकरदेना,सभीकाव्यमेंसुंदरसलोनेभावभरदेना,सदाहीलोकहितमेंलेखनीचलतीरहेमइया,देनासत्यकेपथपरचलनेकाभावभरदेनासुनाकरतालियांबटोरी।उन्होंनेजानेकितनेतड़पेहमएकझलकपानेमें,कितनीरातेंकाटीजगकरखुदकोसमझानेमेंगीतसुनाकरलोगोंकोतालियांबजानेपरमजबूरकरदिया।वरिष्ठकविसंजीवकुलश्रेष्ठनेकोईउम्मीदपलतीहै,कोईसपनामचलताहै,लड़ाहालातसेजोकल,वहीआगेनिकलताहैगीतसुनाकरवाहवाहीलूटी।कविरामसेवकवर्मानेभ्रष्टाचारपरप्रहारकरतेहुएसुनायाभ्रष्टाचारहैपांवपसारेमेरेदेशमें,घर-घरमेंहैबैठादानवहरएकभेषमेंहास्यव्यंगसुनाकरतालियांबटोरीं।कानपुरसेआईकवियित्रीरजनीत्रिपाठीनेकभी-कभीयूंकितनीउदासहैजिदगी,जोकभीबुझनसकेगी,वहप्यासहैजिदगीगीतसुनाकरवाहवाहीलूटी।कविसम्मेलनमेंपंकजयादव,धर्मेंद्रयादव,नरेशयादव,बाबूसिंहयादव,छुन्नायादवमौजूदरहे।