लाल हेंब्रम संताल के एक गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी
साहिबगंज:संतालपरगनाकेएकगुमनामस्वतंत्रतासेनानीलालहेंब्रमपुरानेकांग्रेसीथे।बिनोदानंदझाकेसाथ-साथपंडितजवाहरलालनेहरूकेलालहेंब्रमअच्छेदोस्तथे।दुमकामेंएसपीकॉलेजकेसंस्थापकभीथे।संतालपरगनाकेगांगेयक्षेत्रपाकुड़,राजमहलकोबंगालसेबचानेमेंउनकीमहत्वपूर्णभूमिकाथी।इसक्षेत्रकोउनकेअहमयोगदानकीजानकारीशायदबहुतकमलोगोंकोहै।उसपीढ़ीकेलोगजोइससमयबचेहुएहैं।वहशायदइससेअवगतहोंगे।
साहिबगंजकॉलेजकेइतिहासविभागकेपूर्वविभागाध्यक्षप्रोसुरेंश्वरनाथनेबतायाकिआजादीकेबादभाषाईआधारपरभारतकेमानचित्रकापूर्णगठनजोरपकड़नेलगाथा।छोटानागपुरमेंडॉक्टरजयपालसिंहकेनेतृत्वमेंबिहार,बंगालऔरओडिशाकेआदिवासीक्षेत्रोंकोमिलाकरएकअलगआदिवासीराज्यकीमांगकरलोगरहेथे।1953मेंभारतसरकारनेभाषाईआधारपरकमीशननियुक्तकिया।इसमेंकानूनीज्ञाताएसफजलल,इतिहासकारएवंपब्लिकसर्वेंटकेएमपनीकर,सामाजिककार्यकर्ताकैलाशनाथकाटजूकोसदस्यबनायागया।इसकाउद्देश्यथाकिभारतकीएकताएवंअखंडताकोसुरक्षितरखतेहुएएकरूपताऔरदक्षताकेलिएभाषाईआधारपरराज्यकागठनहोनाचाहिए।
प्रोसुरेश्वरनाथबतातेहैंकिकमीशनकेगठनकेसाथभाषाईआधारपरराज्योंकेगठनकीमांगउठनेलगी।ऐतिहासिक,सांस्कृतिक,भौगोलिकएवंभाषाईदृष्टकोणसेसंतालपरगनाक्षेत्रपरबंगालकेलोगोंकोअपनादावामजबूतहोतादिखाईपड़ा।पूर्वीपाकिस्तानअबबांग्लादेशऔर1911मेंबंगालसेबिहारकाअलगहोनेकीक्षतिकोबंगालकेलोगबर्दाश्तकरनेवालेनहींथेऔरउसकेपीछेइतिहासकातर्कभीहै।बकौलप्रोसुरेश्वरनाथमुगलकालमेंराजमहलबंगालकीराजधानीथीयहांकेअधिकांशलोगआजभीयहांतककिआदिवासीभीबांग्लाअच्छीतरहबोलतेहैं।यहांकेमुसलमानबांग्लाभाषीहैं।बंकिमचंद्रकेप्रसिद्ध्उपन्यासआनंदमठकीप्रेरणाइसक्षेत्रमेंसंन्यासियोंकेविद्रोहसेप्रभावितहै।देवीचौधरानीअंबारऔरसुल्तानाबादअबमहेशपुरकीरानीसर्वेश्वरीसेप्रभावितथी।
इतिहासकारप्रो.सुथेश्वरनाथबतातेहैंकिउससमयबिहारक्षेत्रकोजानेनहींदेनाचाहताथापरबंगालइसक्षेत्रपरअधिकारचाहताथा।समर्थनऔरविरोधमेंजबरदस्तआंदोलनहुए।बंगालकीमांगकेविरोधमेंलालहेम्ब्रमखड़ेरहेऔरबचानेमेंसफलभीरहे।उनकायोगदानइसलिएभीमहत्वपूर्णहैकिहालदालभूमिजिलाजिससेबादमेंधनबादबना।इसकाअधिकांशभागपुरुलियावझाड़ग्रामबंगालकोदेदियागया।परंतुसंतालपरगनाक्षेत्रकोबचानेमेंलालहेम्ब्रमसफलरहे।प्रोनाथबतातेहैंकिउनकेसम्मानमेंकमसेकमझारखंडसरकारप्रस्तावितगंगाब्रिजकानामकरणलालहेम्ब्रमहेतुकेरूपमेंऐसाअनुरोधहै।इसमहानसेनानीनेझारखंडएवंसंथालपरगनाकीएकताऔरअखंडताकेलिएजुझारुयोद्धाकेरूपमेंलड़ाईलड़ी।