लाली नहीं बिखेर पाया इस बार बुरांश

जागरणसंवाददाता,उत्तरकाशी:उत्तराखंडकेमध्यहिमालयीक्षेत्रमेंजलवायुपरिवर्तनकाअसरवनस्पतियोंकेसाथलोगोंकीआजीविकापरभीपड़रहाहै।इसबारजंगलोंमेंबुरांशकेफूलबेहदहीकमखिलनेकेकारणगांवोंकेस्वयंसहायतासमूहकोजूसकेलिएबुरांशकेफूलनकेबराबरमिलेहैं।जिससेयात्रियोंऔरजूसकेशौकीनोंकोआसानीसेबुरांशकाजूसउपलब्धनहींहोसकेगा।

उत्तरकाशीकीप्रमुखउन्नतिस्वयत्तसहकारीसमितिसेजुड़ेभूपेंद्ररावतकहतेहैंकिइसबारजंगलोंकीखाकछाननेकेबादइसबारकेवल100लीटरबुरांशकारस(पल्प)केलिएफूलमिलपाएहैं।जबकिबीतेवर्षउन्होंनेपर्याप्तबुरांशकेफूलमिलगएथे।जिससेउन्होंनेआठसौलीटरपल्पतैयारकियाथा।गढ़वालकेंद्रीयविविश्रीनगरमेंबीजविज्ञानएवंप्रोद्योगिकीविभागकेप्रो.जेएसभंडारीकहतेहैंकिजलवायुपरिवर्तनविश्वव्यापीहैं,इसकेअसरसेहिमालयीक्षेत्रमेंअछूतानहींहै।यहांफसलकेसाथबुरांशपरभीइसकाअसरदिखरहाहै।पीजीकालेजउत्तरकाशीमेंवनस्पतिविज्ञानकेप्रोफेसरमहेंद्रपालपरमारकहतेहैंकिउत्तराखंडकेगढ़वालक्षेत्रकोबुरांशकागढ़मानाजाताहै।जौनसार-जौनपुरकीपहाड़ियोंसेलेकरचमोलीकेग्वलदाम-गैरसैंणके1650मीटरसे3400मीटरकीऊंचाईतककेक्षेत्रमेंबुरांशकेजंगलहैं।उत्तराखंडमेंबुरांशयेप्रजातियांरोडोडेड्रोनबारबेटम,रोडोडेंड्रोनकेन्पानुलेटम,रोडोडेंड्रोनएरबोरियमऔररोडोडेंडोनलेपिडोटमपायीजातीहैं।उत्तराखंडसरकारनेबुरांशकीखूबसूरतीकोलेकरइससेराज्यवृक्षकाभीदर्जादियाहै।अमूमनबुरांस15मार्चसेलेकर15अप्रैलकेमध्यतकखिलताहै।लेकिन,इसबारबुरांशकेफूलसमयसेपहलेहीखिलगएथेतथावेफूलभीसहीढंगसेनहींखिले।जूसव्यवसायसेजुड़ेवीर¨सहकहतेहैंकिबुरांशकेसहीढंगसेनखिलनेसेग्रामीणकाश्तकारोंकेचेहरेभीमुरझाएंहुएहैं।इसबारजूसतैयारकरनेकेलिएजंगलोंमेंबुरांशनहींमिलसके।बुरांशकेलिएपहलेउन्होंनेमुखेमरेंजकेजंगलोंमेंछानमारी,जिसकेबादटकनौरक्षेत्रकेरैथलगांवकेनिकटकुछबुरांशकेफूलमिलसके।बुरांशकेफायदे

बुरांशजूसकोहृदयरोगसेपीड़ितव्यक्तियोंकेलिएलाभकारीमानाजाताहै।इसकेअलावायहपुष्पतेजबुखार,गठिया,फेफड़ेसंबंधीरोगमेंभीइंफलामेसन,उच्चरक्तचाप,हीमोग्लोबिनबढ़ाने,भूखबढ़ाने,आयरनकीकमीदूरकरने,हृदयऔरपाचनसंबंधीरोगोंमेंलाभदायकहै।