लोक सेवकों के खिलाफ जांच के लिए मंजूरी आवश्यक: कलकत्ता उच्च न्यायालय

राज्यब्यूरो,कोलकाता।कलकत्ताउच्चन्यायालयनेभारतीयपुलिससेवा(आइपीएस)केएकसेवानिवृत्तअधिकारीकीपुनरीक्षणयाचिकाखारिजकरतेहुएनिचलीअदालतकाआदेशबरकराररखाहैजिसमेंकहागयाथाकिलोकसेवकोंकेखिलाफजांचकरनेकेलिएमंजूरीकीआवश्यकताहै। इससेवानिवृत्तअधिकारीकादावाथाकिउन्हेंगैरकानूनीतरीकेसेपदोन्नतिसेवंचितकियागयाऔर2012मेंजबइसपरनिर्णयहुआथातोउससमयमुख्यमंत्रीममताबनर्जीऔरतत्कालीनवरिष्ठअधिकारीहीइसकेकर्ताधर्ताथे।इसीआधारपरसेवानिवृत्तअधिकारीनेइनकेखिलाफजांचकानिर्देशदेनेकाअनुरोधकियाथा।

सेवानिवृत्तपुलिसअधिकारीनजरूलइस्लामनेअतिरिक्तपुलिसमहानिदेशकसेपुलिसमहानिदेशक(डीजीपी)केपदपरपदोन्नतिसेगैरकानूनीतरीकेसेवंचितकिएजानेकादावाकरतेहुएमुख्यमेट्रोपालिटनमजिस्ट्रेट,कोलकाताकेसमक्षआइपीसीकीधाराओंकेतहतजांचकेलिएअर्जीदाखिलकीथी। उन्होंनेभारतीयदंडसंहिता(आइपीसी)कीउनधाराओंकेतहतजांचकरानेकाअनुरोधकियाथाजिसकेतहतकिसीकोचोटपहुंचानेकेइरादेसेकानूनकीअवज्ञाकरनेवालेलोकसेवक,चोटपहुंचानेकेइरादेसेगलतदस्तावेजतैयारकरने,झूठेदस्तावेजबनानेऔरजालसाजीकेमामलेमेंकार्रवाईकीजातीहै।

नजरूलइस्लामनेतत्कालीनगृहसचिव,मुख्यसचिवऔरपुलिसमहानिदेशकसहितअन्यअधिकारियोंकेखिलाफजांचकाअनुरोधकरतेहुएआरोपलगायाथाकिइनअधिकारियोंनेउनकेखिलाफसाजिशरची। उच्चन्यायालयनेअपनेआदेशमेंकहाकिउसकीरायहैदंडप्रक्रियासंहिता(सीआरपीसी)कीधारा197केप्रावधानकोकानूनमेंशामिलकरनेकासार्थकउद्देश्ययहहैकिलोकसेवकबिनाकिसीडरयापक्षपातयापरेशानकिएजानेकीकिसीभीआशंकाकेबगैरअपनेकर्तव्योंकानिर्वहनकरें।

न्यायमूर्तितीर्थंकरघोषनेआदेशमेंकहाकिइसलिए,ऐसीकिसीकार्रवाईमेंवैधमंजूरीकीआवश्यकताहोतीहै,जहांसीआरपीसीकीधारा156(3)(संज्ञेयमामलोंकीजांचकरनेकेलिएपुलिसकीशक्ति)केप्रावधानलोकसेवकोंकेखिलाफलागूहोतेहैं। मजिस्ट्रेटनेकहाथाकिउक्तधाराओंकेतहतकोईभीअपराधप्रतिवादीपक्षोंद्वारानहींकियागयाथाऔरअगरयहमानभीलियाजाएकिअपराधकिएगएथेतोसीआरपीसीकीधारा197केतहतमंजूरीकीआवश्यकताहोगी।