लट्ठ नहीं... लोटामार होली खेलना चाहें तो बुलंदशहर के बीबी नगर आ जाएं

बुलंदशहर,जागरणसंवाददाता।बीबीनगरक्षेत्रमेंलोटामारहोलीकीपरंपरासदियोंपुरानीहै।क्षेत्रकीकुछबुजुर्गमहिलाएंइसेआजभीबनाएरखनेकाहरसंभवप्रयासकररहीहैं।शुक्रवारकोइसेखेलनेकेलिएउन्‍होंनेतैयारीशुरूकरलीहै।

विशिष्टपहचानरखतीहैयहहोली

ब्रजक्षेत्रकीमशहूरलट्ठमारहोलीकेमिलतेजुलतेअंदाजमेंबीबीनगरक्षेत्रमेंलोटामारहोलीअपनीविशिष्टपहचानरखतीहै।ढोलकीथापऔरडंकेकीचोटपरजहांहोरियारोंकीटोलीरंग,गुलालउड़ातेहुएनिकलतीहैं,वहींमहिलाओंकीमंडलीअपने-अपनेलोटोंमेंरंगभरकरघर-घरजातीहैं।रंगसेसराबोरकरनेकेउपरांतएकखासअंदाजमेंलोटेसेपुरुषोंकीकमरमेंथापमारतीहैं।

गमीवालेघरमेंपहलेजानेकीपरंपरा

लोटामारहोलीमेंटीमकानेतृत्वमोहल्लेकीवरिष्ठमहिलाकरतीहैतथासर्वप्रथमटीमउनघरोंमेंपहुंचतीहैजहांवर्षभरमेंकोईगमीहुईहोतीहै।इससेपर्वसेउसपरिवारकोजोड़ाजाताहै।हालांकिसमयकेसाथयहपरंपराकाफीकमहोरहीहै,लेकिनकुछबुजुर्गमहिलाएंइसेआजभीजीवितरखेहुएहैं।

सदियोंपुरानीपरंपराकोबचानेकापूराप्रयास

नगरनिवासीशशिप्रभाकहतीहैंकिसमयकेसाथइसकेस्वरूपमेंकुछबदलावआयाहै।पहलेलोटेसेरंगडालकरहोलीखेलीजातीथीतथारंगडालनेकेउपरांतलोटेसेहीपीठपरविशेषअंदाजमेंथपकीदीजातीथी।अबलोटेकीजगहमगवजगआदिमेंभीरंगभरकरमहिलाओंकीटोलीनिकलजातीहै।लीलावतीकहतीहैंकिअबमाहौलबदलरहाहै।लोटामारहोलीपरभीइसकाअसरपड़ाहै।हालांकिउनकेजैसीकुछमहिलाएंआजभीइससदियोंपुरानीपरंपराकोबचानेकापूराप्रयासहै।नगरनिवासीराजकुमारशर्मावकलवाप्रजापतिकहतेहैंकियहअच्‍छीबातहैकिपरंपराआजभीजीवितहै।हालांकिहोलीकेपर्वपरविगतवर्षोमेंनशेकाप्रचलनबढ़नेसेअनेकमहिलाएंआजघरोंसेनिकलनेमेंकुछसंकोचकरतीहैं।