महिला सशक्तीकरण के लिए पहचान रही है मधुबनी
मधुबनी।अंतरराष्ट्रीयमहिलादिवसपरहस्तशिल्पविभागकेतत्वावधानमेंस्थानीयवाट्सनविद्यालयपरिसरमें(7से13मार्च)सातदिवसीयशिल्पोत्सवकाउद्घाटनजिलाधिकारीशीर्षतकपिलअशोक,एसडीएमसुनीलकुमारसिंहसहितअन्यपदाधिकारियोंद्वारासंयुक्तरूपसेकियागया।कार्यक्रमकोसंबोधितकरतेहुएजिलाधिकारीशीर्षतकपिलअशोकनेकहाकिमिथिलाकीधरतीमधुबनीप्राचीनकालसेहीमहिलासशक्तीकरणकेलिएजानीजातीरहीहैं।मधुबनीपेटिगकेमाध्यमसेजिलेकीमहिलाएंपुरूषोंकेअपेक्षाकाफीआगेनिकलचुकीहैं।पिछलेडेढसेदोवर्षोंमेंमधुबनीपेटिगकाविकासऔरइसकेकलाकारोंकीसंख्यामेंबेहतरइजाफानेसाबितकरदियाहैकियहांकीमहिलाओंकोअवसरमिलेतोकईमायनोंमेंपुरुषसमाजसेआगेरहेंगी।पुरुषोंकीतरक्कीमेंमहिलाओंकीभूमिकापरबोलतेहुएडीएमनेअपनीपत्नीतेजस्विनीकेप्रतिआभारप्रकटकिया।उन्होंनेमहिलाओंकीसंख्याबढानेकीअपीलकरतेहुएकहाकिसमाजमेंमहिलापुरूषकीजनसंख्यामेंआरहीअंतरकानुकसानसमाजकोभुगतनापड़सकताहै।महिलाओंकीशिक्षासहितअन्यविकासकेलिएसरकारद्वाराअनेकोंयोजनाएंचलायीजारहीहैं।मधुबनीपेंटिगकोघरसेनिकालकरउसकेचाहनेवालोंतकपहुंचानेमेजिलाप्रशासनकाप्रयासजारीरहेगा।मधुबनीपेंटिगकेअलावासिक्कीकलासहितअन्यहस्तकलाकोबड़ेपैमानेपरविकसितकियाजारहाहै।सदरएसडीएमसुनीलकुमारसिंहनेकहाकिशिक्षासेमहिलापुरुषकेबीचकीअसमानताकोदूरकरनेकीजरूरतहै।पुत्रकेअपेक्षापुत्रीकोमाता-पिताकीअधिकचिताहोतीहै।वेपुत्रीहोनेकाधर्मकानिर्वहनकरनेमेंआगेहोतीहैं।पत्नीकेरूपमेंघरकोस्वर्गबनानेकेसाथ-साथपरिवारकेसभीसदस्योंकोखुशरखनाउनकाप्राकृतिकगुणहोताहैं।तेजस्विनीनेकहाकिमधुबनीकीमहिलाएंमधुबनीपेटिगकेमाध्यमसेविश्वपटलपरअपनीपहचानबनानेमेंसदैवआगेरहीहैं।कार्यक्रमकोहस्तशिल्पविभागकेसहायकनिदेशकमुकेशकुमार,आइसीडीएसडारश्मिवर्मा,डीसीएलआरबुदप्रकाश,अनुमंडललोकशिकायतनिवारणपदाधिकारीरेणुकुमारीसहितअन्यनेसंबोधितकिया।मौकेपरबच्चोंद्वाराप्रस्तुतझिझियानृत्यकीप्रस्तुतिकीगयी।इसकेबादडीएमद्वारायहांलगाएगएस्टॉलकाअवलोकनकरनेहुएकलाकीभूरि-भूरिप्रशंसाकी।सातदिवसीयशिल्पोत्सवमेंस्टॉलोंपरमधुबनीपेटिग,सिक्कीकला,गोबरपेटिग,तंत्रपेटिगसेजुड़ीकलाकृतियांबिक्रीकेलिएरखीगईहै।इसमेंजिलेभरकेकलाकारअपनीकलाकृतियोंकेसाथहिस्सालेरहेहै।