नौसेना प्रमुख का चीन पर निशाना, बोले- कुछ देशों की मानसिकता वैश्विक नियमों के लिए पैदा कर रही चुनौती

नईदिल्ली,28अक्टूबर।नौसेनाप्रमुखएडमिरलकरमबीरसिंहनेचीनपरनिशानासाधाहै।एडमिरलकरमबीरसिंहनेकहाकिकुछदेशआक्रामकहोकरसेहिंद-प्रशांतक्षेत्रमेंभूमिकेंद्रीयक्षेत्रीयमानसिकतालागूकरनेकीकोशिशकररहेहैंजिनसेवैश्विकनियमोंकेलिएचुनौतियांपैदाहोरहीहैं।उन्होंनेआगेकहाकिभारतीयनौसेनामित्रदेशोंकेलिएएकसुरक्षाभागीदारकेरूपमेंमददकरनेकीकोशिशकररहाहै।

नौसेनाप्रमुखनेकिसीदेशकानामनहींलियालेकिनउनकानिशानासाफतौरपरचीनकीतरफहीथाजिसकीआक्रामकगतिविधियोंकेचलतेउसकावियतनाम,फिलीपींस,मलेशिया,ब्रुनेईऔरताइवानजैसेकईदेशोंकेसाथसंप्रुभताकोलेकरविवादचलरहाहै।

इंडो-पैसिफिकरीजनलडायलॉग2021केदौरानअपनेसंबोधनमेंकरमबीरसिंहनेकहाकिस्वीकृतसम्मेलनोंकीपुनःपरिभाषितकरना"वैश्विककॉमन्सकोविवादितसमुद्रोंमेंबदलरहाहै।"

चीनीनेवीनेबढ़ाईसक्रियताबतादेंकिदक्षिणीचीनसागरपरचीनअपनाप्रभुत्वरखनाचाहताहैऔरइसके90प्रतिशतहिस्सेपरअपनादावाकरताहै।हालकेसमयमेंदक्षिणीचीनसागरकेसाथहीचीनकीपीपल्सलिबरेशनआर्मीनेवीहिंदमहासागरमेंअपनीसक्रियताबढ़ारहीहै।

भारतचीनकीचालोंपरनजररखरहाहैताकिचीनीनौसेनाहिंदमहासागरमेंजगहनबनाले।अगरऐसाहोताहैतोयहभारतकेलिएबड़ीमुश्किलहोगीक्योंकिइसक्षेत्रमेंभारतीयनौसेना24घंटेसक्रियरहतीहै।साथहीऐसाहोनेसेचीनसमंदरमेंभीभारतकेबिल्कुलसामनेखड़ाहोगा।

जियोपॉलिटिक्सकाकेंद्रबनादक्षिणीचीनसागरनौसेनाप्रमुखनेइसक्षेत्रकोवैश्विकभू-राजनीति(जियोपॉलिटिक्स)औरअर्थशास्त्रकाकेंद्रबिंदुबतातेहुएकहा"इंडो-पैसिफिककेमूलसिद्धांतोंकोचुनौतीमिलनेकेसाथहीइंडो-पैसिफिकक्षेत्रमेंप्रतिस्पर्धाभीअधिकविविधहोतीजारहीहै,जिसमेंकूटनीति,व्यापार,विचारधारा,विज्ञानऔरप्रोद्योगिकीशामिलहै।"

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अपनेसंबोधनमेंनौसेनाप्रमुखनेइंडो-पैसिफिकक्षेत्रकेमहत्वकाभीजिक्रकिया।सिंहनेकहावैश्विकआबादीका61%हिस्सारखनेवालेइंडोपैसिफिकक्षेत्रमेंदिनोदिनप्रतिस्पर्धामेंतेजीदेखीजारहीहै।यहक्षेत्रविश्वकीजीडीपीमें62प्रतिशतकायोगदानदेताहैऔरदुनियाके63प्रतिशतद्वीपीयराष्ट्रइसक्षेत्रमेंस्थितहैं।सकलघरेलूउत्पाद(जीडीपी)में62%कायोगदानदेताहैऔरइसमेंशामिलहै।

नौसेनाप्रमुखनेआगेकहाकिवैश्विकव्यापारकालगभग50%इंडो-पैसिफिकसेहोकरगुजरताहै,औरइसक्षेत्रकेभीतरऔरबाहरकेअधिकांशदेशोंकीरुचिइसेमुक्तव्यापारक्षेत्रबनाएरखनेमेंहै।उन्होंनेकहा,"यहीकारणहैकिसमानविचारधारावालेभागीदारों,मुक्तऔरखुलेसमुद्रजैसीअवधारणाओंनेहिंद-प्रशांतकेविचारकीबढ़तीप्रासंगिकताकेसाथहीअधिकस्वीकार्यताभीमिलीहै।"