पानी ही नहीं खनिज संपदा भी खो रही केन

जागरणसंवाददाता,बांदा:बुंदेलखंडक्षेत्रमेंबहनेवालीकेननदीपरसंकटकेबादलछानेलगेहैं।बरसातकेमौसमकोयदिछोड़देंतोबाकीसमययहअपनेअस्तित्वसेहीलड़तीनजरआतीहै।जबकियहएकऐसीनदीहैजिसेजीवनदायिनीकीसंज्ञादीजासकतीहै।येपेयजल,¨सचाई,मौरंगकेसाथयहशजरपत्थरभीअपनीकोखमेंभरकरजनपदतकलातीहै।

जनपदकेलिएअन्यनदियोंकीअपेक्षासबसेअधिकमहत्वपूर्णनदीहीरहीहै।पानीकेसाथ-साथआर्थिकरूपसेसमृद्धिकीदेनकाफी-कुछइसीनदीसेहीहै।नगरीयक्षेत्रकीपेयजलापूर्तिकासाधनभीयहीनदीहै।वहींक्षेत्रकेकिसानोंकोफसलोंकी¨सचाईकाभीबड़ामाध्यमहै।लेकिनसालदरसालकमहोतीजारहीबारिशनेनदीकीजलधाराकोकमजोरकरनाशुरूकरदियाहै।पानीकमआनेसेखनिजकीआमदभीकमहोतीजारहीहै।जलधाराकेसाथआनेवालीमौरंगभीकमहोगईहै।जिसपरमनमानेढंगसेकियाजारहाखनननदीकेअस्तित्वकादुश्मनबनगयाहै।जानकारोंकीमानेंतोयदिसमयरहतेकोईसार्थककदमनहींउठाएगएतोजीवनदायिनीकारूपलेचुकीकेनपूरीतरहसेहीखत्महोजाएगी।जिसकाखामियाजाजनपदवासियोंकोहीभुगतनापड़ेगा।

केनकाहीशजरबनाएकजिला-एकउत्पाद

कभीकेननदीकीजलधाराजबअपनेपूरेशबाबपररहतीथीतोवहमौरंगसेसाथ-साथशजरपत्थरभीलेकरआतीथी।जिसकीकलाकारीसेतमामछोटे-बड़ेउद्योगचलतेथे।लेकिनजैसे-जैसेजलधाराटूटतीगईवैसे-वैसेशजरकीआमदकमहोतीगई।जिससेपत्थरसेकलाकारीकेज्यादातरउद्योगबंदहोगए।हालांकिमौजूदावर्षमेंसरकारनेएकजिला-एकउत्पादमेंशजरकोस्थानदेकरकुछउम्मीदजरूरजगाईहै।लेकिनजबतकजलधारानहींसमृद्धहोगीतबतकयहकवायदफीकीहीरहेगी।

अनियंत्रितखननरुकेऔरस्त्रोतोंपरहरियालीबढ़ाईजाए

बुंदेलखंडमेंतालाबबचावअभियानकेसंयोजकपुष्पेंद्रभाईकहतेहैंकिखत्महोरहीहरियालीकेचलतेझरनेजवाबदेनेलगेहैं।वहींअनियंत्रितखननपरलगामकसीजानीचाहिए।खासकरमशीनोंसेपूरीतरहखननबंदहोनाचाहिए।बांधोंकीश्रंखलाबनानेकेबजायनदीकेजलस्त्रोतोंमेंहरियालीबढ़ाकरपानीरिचार्जकियाजानाचाहिए।यदिइनसबकोलेकरगंभीरनहींहुआगयातोकेनभीअन्यनदियोंकीतरहसूखजाएगी।जोजनपदकेलिएबड़ानुकसानसाबितहोगा।