संगरूर हादसा: किसी को पता न था अंतिम याद बन जाएगी पांच दोस्तों की यह ग्रुप फोटो, कार में जिंदा जले
मोगा,[राजकुमारराजू/दीपकशर्मा]।किसीकोनहींपताथाकिपांचदोस्तोंकीयहतस्वीरअंतिमयादबनजाएगी।पटियालामेंएकनेटवर्किंगकंपनीकीबैठकमेंखिंचायापांचोंदोस्तोंकीप्रसन्नमुद्रामेंखिंचवाईतस्वीरउनकपरिजनोंकोरुलारहीहै।इनपांचोंदोस्तोंनेभीकभीसपनेमेंनहींसोचाहोगाकिमौतभीउनकोइसतरहसाथलेजाएगी।पटियालामेंनेटवर्किंगकंपनीकीबैठकसेलौटतेसमयरास्तेमेंहुएसड़कहादसेकेबादउनकीकारमेंलगीआगसेमौतनेउनकेसंगउनकेपरिवारोंकेसपनोंकोभीराखकरदिया।
दुनियामेंआनेसेपहलेहीपिताकासायाउठासिरसे,कुलतारकेसाथपत्नीकेेसपनेहुएराख
मारेगएलोगोंमेंएककुलतारसिंहकीपत्नीतीनमहीनेकीगर्भवतीहैं।इसीतरहअन्यदोस्तोंकेपरिवारोंकीभीदुनियाउजड़गईहै।कुलतारसिंहकेपहलीपत्नीसेतलाककेबाददूसरीशादीकीथी।कुलतारसिंहकेभाईनारायणसिंहनेबतायाकिउनकाभाईएकनेटवर्किंगकंपनीकोलिएदवाकाकारोबारकरताथा।उनकेदोस्तआमआदमीपार्टीकेनेतासुखमंदरसिंहवअन्यपांचोंलोगरेनोल्टनोवानामकदवाकंपनीकेसदस्यथे।इसीनेटर्किंगकंपनीकीबैठकपटियालामेंथीऔरसाथहीएकदोस्तकीरिसेप्शनपार्टीभीथी।वहांसेवापसलौटरहेथेतोरास्तेमेंउनकीकारहादसाग्रस्तहोनेकेबादउसमेंआगलगगई।
सेनासेरिटायरहोनेकेबादएकनेटवर्किंगकंपनीकेलिएदोस्तोंसंगकामरहेथेसुखविदरसिंह
मोगाकीग्रीनफील्डनिवासी62वर्षीयसुखविंदरसिंहजिसकीबडीबेटीकनाडामेंसेटलहै।एक20वर्षीयबेटाउनकेपासरहताहै,कैप्टन30नवंबर2004कोआर्मीमेंक्लेरीकलडिपार्टमेंटसेरिटायरहुएथे।वहअपनेपरिवारकेसाथरहतेहुएएकनेटवर्किंगकंपनीमेंकामकररहेथे,अपनीपत्नीगुरदेवकौरकोवहसोमवारकोएकदोस्तकीरिसेप्शनपार्टीमेंजानेकीबातकहकरगएथे।घटनाकापताचलतेहीपत्नीगुरदेवकौरकारोरोकरबुराहालहोगया।
कैप्टनसुखविंदरसिंहकेघरपरशोकव्यक्तकरनेवालोंकाजमावड़ालगगया।उनकेसाढूमेजरसिंहवपड़ोसीप्रोफेसरनिर्मलसिंहनेबतायाकिसुखविंदरसिंहआर्मीमेंरहतेहुएजहांदेशकेलिएकामकरचुकेहैं,वहींअबरिटायरमेंटकेबादसमाजसेवाकाजज्बाथा।
आमआदमीपार्टीकेजुझारुनेता
कैप्टनसुखविंदरसिंहकेसाथआमआदमीपार्टीमेंकामकरनेवालेसीनियरनेतानवदीपसंघा,अमितपुरीवअन्यसमर्थकोंनेबतायाकिकैप्टनसुखमिंदरसिंहपिछलेकईवर्षोंसेआमआदमीपार्टीसेजुड़करशहरकीज्वलंतसमस्याओंकेखिलाफलड़ाईलड़रहेथे।सुखमिंदरसिंहकीसड़कहादसेमेंमौतकेबाददौरानकोईमौतसेपार्टीकोकभीनापूराहोनेवालाघाटाहुआहै।
पांचबच्चोंकेपितासुरिंद्रपालकेपरिवारकेसारेसपनेहुएखाक
रामूवालानवांकेसुरिन्द्रपालसिंहपांचबच्चोंकेपिताथे।उन्होंनेपिछलेवर्षअपनीएकबेटीकीशादीकीथी।वहीअबदोबेटेऔरदोबेटियोंकापालनपोषणकीजिम्मेदारीउनपरथी।सुरिन्द्रपालकामकरकेअपनेघरकागुजाराकररहेथे।वहअपनेदोस्तोंकेसाथजिलासंगरूरकेगांवदिडबामेंंएकदोस्तकीरिसेप्शनपार्टीमेंभागलेनेकेलिएगएथे।परिवारकेसदस्योंकाकहनाहैकिचारबच्चोंकाबोझअबउनकीपत्नीअमरजीतकौरपरपड़गयाहै।गांवमेंइसघटनाकोलेकरपूरीतरहशोककीलहरपैदाहोचुकीहै।
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