सरकारी आवास में नहीं रहते स्वास्थ्य कर्मी
जासं,इलिया(चंदौली):कस्बाकेप्राथमिकस्वास्थ्यकेंद्रमेंबनेकर्मचारीआवासमेंकिसीस्वास्थ्यकर्मीकेनहींरहनेसेवीरानपड़ाहुआहै।लाखोंरुपयेकीलागतसेबनाआलीशानभवनकर्मचारियोंकीबाटजोहरहाहै।अस्पतालकासंचालनसंविदाचिकित्सककेसहारेजैसे-तैसेहोरहाहै।चिकित्सकीयसुविधाओंकाघोरअभावहै।लोगोंकोइलाजकेलिएभागदौड़करनीपड़तीहै।
यूपी-बिहारकीसीमासेसटेनक्सलप्रभावितस्थानीयपीएचसीमेंस्वास्थ्यकर्मियोंकोनिवासकरनेकेलिएबाकायदाअलग-अलगआवासबनाएगएहैं।लेकिनआवासजबसेबनेहैं,तालाबंदहै।इनभवनोंकीसफाईकरनेवालाभीकोईनहींहै।स्वीपरकापदरिक्तहै।इसकेचलतेअस्पतालपरिसरमेंगंदगीकाअंबारलगाहै।इसकेअलावायहांएएनएम,फार्मासिस्ट,वार्डब्वॉयसहितचिकित्सककीनियुक्तिहै।एनएमए,एलएकापदखालीपड़ाहै।इससेमरीजोंकोखून,पेशाब,बलगमसहितकुष्ठरोगकीजांचकरानेकोदूरीतयकरनीपड़रहीहै।मौजूदासमयमेंभवनमेंमात्रसंविदाचिकित्सकहीरहतेहैं।स्वास्थ्यकर्मीरातमेंआवासोंमेंप्रवासनहींकरतेहैं।इसकेचलतेमरीजोंको15किलोमीटरदूरशहाबगंजवचकियाकेसरकारीअस्पतालोंकीशरणलेनापड़तीहै।क्षेत्रवासियोंनेमुख्यचिकित्साधिकारीकाध्यानआकृष्टकरातेहुएकर्मचारियोंकोरात्रिमेंआवासमेंरहनेकीव्यवस्थाकरानेकीमांगकीहै।