उत्तराखंड में जैव विविधता पर अब कालाबांसा का साया, जानिए क्यों है खतरनाक

देहरादून,केदारदत्त।विषमभूगोलऔर71.05फीसदवनभूभागवालाउत्तराखंडजैवविविधताकेमामलेमेंधनीहै,लेकिनखरपतवारोंकेफैलावनेइसकेलिएखतरेकीघंटीबजादीहै।दरअसल,जंगलोंसेलेकरखेत-खलिहानोंतकफैलीकुर्री(लैंटानाकमारा)नेपहलेहीनाकमेंदमकियाहुआहै।अपनेआस-पासदूसरीवनस्पतियोंकोनपनपनेदेनेऔरवर्षभरखिलनेकेकारणकुर्रीकानिरंतरफैलावहोरहाहै।अबकालाबांसा(यूपेटोरियमएडिनोफोरम)नामकखरपतवारनेमुश्किलेंऔरबढ़ादीहैं।कालाबांसाभीलैंटानाकीतरहअपनेआस-पासदूसरेपौधोंऔरवनस्पतियोंकोनहींपनपनेदेती।मध्यहिमालयीक्षेत्रोंमेंडेढ़सेढाईहजारमीटरकीऊंचाईतककालाबांसाकाफैलावबेहदचिंताजनकहै।जगह-जगहइसकेबड़े-बड़ेक्षेत्रदिखाईदेनेलगेहैं।इसेजैवविविधताकेलिएबड़ेखतरेकेरूपमेंदेखाजारहाहै।हालांकि,इससेनिबटनेकेलिएशोधहोरहेहैं,मगरइसमेंतेजीकीदरकारहै।

प्राकृतिकतरीकेसेहीपनपेंगेजंगल

हरसालडेढ़सेदोकरोड़पौधोंकारोपणऔरफिरभीजंगलोंमेंहरियालीकाअभाव।नतीजतन,20वर्षोंसेवनावरण46फीसदकेइर्द-गिर्दसिमटाहै।उत्तराखंडमेंयहस्थितिकचोटनेवालीहै।दरअसल,जितनेपौधेलगरहे,उसहिसाबसेजीवितनहींरहपारहेहैं।लंबेइंतजारकेबादवनमहकमेकोइसकाअहसासहुआहै।परिणामस्वरूपअबपौधारोपणकेतौर-तरीकोंमेंबदलावकियाजारहाहै।ऐसीविधिअपनानेपरजोरदियाजारहा,जिसमेंजंगलप्राकृतिकरूपसेपनपें।इसकेलिएजापानकीमियावाकीतकनीकऔरसहायतितप्राकृतिकपुनरूद्धार(एएनआर)विधिअपनानेपरजोरदियाजारहा।मियावाकीमेंसघनपौधारोपणकरप्राकृतिकतौरपरजंगलपनपायाजाताहैतोएएनआरमेंपौधेपनपानेकोसहायतितगतिविधियोंकोबढ़ावादियाजाताहै।इनविधियोंकोवृहदस्तरपरधरातलपरउतारनेकीतैयारीहै।देखनेवालीबातहोगी,इसेलेकरकितनीगंभीरताबरतीजातीहै।

महाकुंभमेंखललनहींडालेंगेगजराज

हरिद्वारमेंअगलेसालमहाकुंभकाआयोजनहोनाहै,लेकिनइसक्षेत्रमेंहाथियोंकीधमाचौकड़ीनेनींदउड़ाईहुईहै।राजाजीटाइगररिजर्वसेसटेहरिद्वारसेलेकरऋषिकेश,श्यामपुरतककेक्षेत्रमेंअर्सेसेबिगड़ैलहाथीजनसामान्यकेपरेशानीखड़ीकररहेहैं।यदिसमयरहतेइनपरअंकुशनहींलगातोमहाकुंभकेदौरानदिक्कतेंबढ़सकतीहैं।अबतकऐसे13हाथीचिह्नितकिएगएहैं,जोआबादीक्षेत्रवसड़कोंपरधमकरहे।इनमें10ऐसेहैं,जोज्यादापरेशानियांखड़ीकररहेहैं।रेडियोकॉलरकेजरियेइनकीनिगरानीकीतैयारीहै।केंद्रीयपर्यावरणएवंवनमंत्रालयनेभीइसकीइजाजतदेदीहै।अबइनबिगड़ैलहाथियोंकोएक-एककररेडियोकॉलरपहनानेकीरणनीतिकोअंतिमरूपदियाजारहाहै।रेडियोकॉलरलगनेसेइनकेमूवमेंटपरनजररहेगीऔरसंबंधितक्षेत्रमेंसमयरहतेप्रभावीकदमउठाएजासकेंगे।

गंगोत्रीमेंहिमतेंदुआसंरक्षणकेंद्र

उत्तराखंडमेंसंयुक्तराष्ट्रविकासकार्यक्रम(यूएनडीपी)केसहयोगसेचलरही'सिक्योरहिमालयÓपरियोजनाअबहिमतेंदुओंकेसंरक्षणकेमद्देनजरनईसौगातदेनेजारहीहै।परियोजनामेंगंगोत्रीनेशनलपार्कसेलेकरगोविंदवन्यजीवविहारऔरअस्कोटअभयारण्यतककाक्षेत्रशामिलहै।परियोजनाकेतहतइनसंरक्षितक्षेत्रोंकेअंतर्गतआनेवाले60गांवोंकेलिएआजीविकाविकासकेअलावाहिमतेंदुओंकीगणनाऔरसंरक्षणपरफोकसकियागयाहै।

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पहलीबारहोनेवालीहिमतेंदुओंकीगणनाकाप्रोटोकालतैयारहोचुकाहैऔरअगलेमाहसेइसकीकवायदशुरूहोगी।इसकेसाथहीपरियोजनामेंगंगोत्रीनेशनलपार्कमेंदेशकापहलेहिमतेंदुआसंरक्षणकेंद्रभीबनेगा।राज्यसरकारइसेहरीझंडीदेचुकीहै।इससंरक्षणकेंद्रमेंजहांपर्यटकहिमतेंदुओंकेबारेमेंजानकारीलेंगे,वहींइनकेसंरक्षणमेंभागीदारीनिभासकेंगे।इसेबेहतरपहलमानाजासकताहै।

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